देहरादून। 25 अक्टूबर को देहरादून में गौ ध्वज को स्थापित किया जाएगा। इसमें गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने का संकल्प लिया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए स्वामी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद देहरादून पहुंचेंगे। देहरादून में जगदगुरु शंकराचार्य और गोपाल मणि महाराज गौ ध्वज की स्थापना कर गौ महासभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद गौ ध्वज यात्रा दिल्ली रवाना हो जाएगी।
भारतीय गौ क्रांति मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि गाय को पशु नहीं बल्कि माता की प्रतिष्ठा दी गई है। यही सनातन धर्मी हिंदुओं की पवित्र भावना है, इसी धार्मिक आस्था को लेकर और कानून में गाय को राज्य सूची से हटकर केंद्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौ माता को राष्ट्र माता का सम्मान दिलाने के साथ ही गौ हत्या मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से गौ प्रतिष्ठा आंदोलन चलाया जा रहा है। ऐसे में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के मार्गदर्शन में समूचे भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत गौ ध्वज स्थापना यात्रा 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक होनी तय हुई है। ये यात्रा भारत के सभी 36 प्रदेशों की राजधानियों में पहुंचकर एक गौ ध्वज की स्थापना कर रही है। यात्रा के राष्ट्रीय सहसंयोजक और उत्तराखंड राज्य के प्रभारी गौ भक्त विकास पाटनी ने कहा राज्य की हर राजधानी में विशाल गौ प्रतिष्ठा सम्मेलन का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिसकी शुरुआत अयोध्या से होगी। उसके बाद पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण होते हुए 26 अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली में यात्रा पहुंचेगी। 27 अक्टूबर को यह यात्रा वृंदावन में विराम लेगी। इस यात्रा के माध्यम से जगदगुरु शंकराचार्य भारत के सभी गौ भक्तों को सम्मानित भी करेंगे।
इसी कड़ी में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जगदगुरु शंकराचार्य और गोपाल मणि महाराज 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 3 तक गौ ध्वज की स्थापना करके गौ महासभा को संबोधित करने जा रहे हैं। इसके बाद यात्रा के समापन दिल्ली में होगा। 7,8 और 9 नवंबर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गौ प्रतिष्ठा महासम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जो गाय को राष्ट्र माता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए निर्णायक होगा।
25 अक्टूबर को प्रदेश की राजधानी दून में गौ ध्वज यात्रा
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