Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डइस बार होली खेलिए प्राकृतिक, हस्तनिर्मित व रसायन मुक्त गुलाल के साथ

इस बार होली खेलिए प्राकृतिक, हस्तनिर्मित व रसायन मुक्त गुलाल के साथ

परिवार के रंग –परिवार

आइये, इस बार होली खेलिए घर में ही परिवार मित्रों के सहयोग से बने प्राकृतिक, हस्तनिर्मित व रसायन मुक्त गुलाल के साथI यह गुलाल हिमांशु बहुगुणा और उनके परिवार के सदस्यों ने ,अपने गाँव की महिलाओं के साथ मिलकर अपने ही घर में बनाया हैI

इन रंगों की खास बात है कि यह सभी जैविक व हस्तनिर्मित हैं, जैसे पीला और नारंगी गुलाल हल्दी से बनाया गया है, तो हरा रंग सब्जियों के रस से ,गुलाबी रंग चुकंदर के रस से और बैंगनी रंग बैंगनी गोभी के रस से I रंगों में खुशबू शमिल करने के लिए प्राकृतिक इत्र का प्रयोग किया गया है I सभी रंग अरारोट के आटे से बने हैं I गुलाल बनाते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि आपकी त्वचा, आँखों, होंठो पर प्रतिकूल असर न पड़े I

हिमांशु बहुगुणा , टेलीकॉम मल्टीनेशनल कम्पनी एरिक्सन में इंजीनियर की नौकरी किया करते थे ,उनकी पत्नी एमसीए करने के बाद चंडीगढ़ स्थित कम्पनी में नौकरी पर थी ,चाची स्कूल में शिक्षिका I तीनों ने नौकरी छोड़ ऐसा स्वरोजगार अपनाने का प्रयास किया ,जिसमें वे स्वयं परिवार के साथ रहते हुए प्रकृति-सह आजीविका, जैसे कृषि, बागवानी, गोपालन, जैविक उत्पाद आदि का उपार्जन करते हुए ,पास पडौस के निवासियों को भी रोजगार उपलब्ध कराये ,ताकि गाँवों से पलायन को कम करने में सहायता मिल सके I

हिमांशु ने सन 2020 में 300 किलो प्राकृतिक गुलाल के उत्पादन से प्रारंभ किया गया था , गत वर्ष 700 किलो गुलाल बनाया गया था , जिसे राजस्थान ,दिल्ली ,मुंबई ,हरियाणा ,मध्यप्रदेश,उत्तराखंड के कई परिवारों द्वारा स्नेह से अपनाया गया I इस वर्ष 2000 किलो गुलाल बनाने का लक्ष्य है I चूँकि रंग बनाने के लिए मशीनों की बजाय मानवीय श्रम का ही उपयोग होता है ,अतः उत्पादन सीमित ही है I

उनका लक्ष्य परिवार प्रकृति के साथ जीते हुए परिवार प्रकृति का संवर्धन व मानवीय प्रकृति के रिश्तों को मजबूत करना हैI उन्हें विश्वास है कि ये गुलाल ऐसा करने में सहयोग देंगे I तो आइये ,होली खेलें – परिवार के रंग में –परिवार के संग में .

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments