Latest news
नया वक्फ कानून जनहित के लिए लाया गया ऐतिहासिक फैसलाः सीएम धामी ईगो छोड़ धारा 163 अन्तर्गत प्रदत्त निर्देशों के क्रियान्वयन व समन्वय में नजर आए मुझे सभी अधिकारीः डीए... राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्धः सीएम मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी तेज सनफॉक्स ने मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में पहला मरीज अनुभव केंद्र शुरू किया उत्तराखंड के बारहनाजा मिलेट्स के उत्पादन को नए तौर-तरीकों से उत्पादित करने की सरकार की बड़ी पहलः जोशी श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल से की भेंट देहरादून में डेंगू से एक की मौत, प्रदेशभर में 18 मामले आए सामने विश्व पुस्तक दिवस पर प्रदेशभर में चलेगा मतदाता जागरूकता अभियान 26 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह

[t4b-ticker]

Saturday, April 19, 2025
Homeराष्ट्रीयसुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को किया खारिज

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की तरफ से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें उन्होंने दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी I

शनिवार को बिलकिस बानो की तरफ से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की थी कि वह अपने उस आदेश की समीक्षा करे, जिसके तहत गुजरात सरकार को 1992 की नीति के तहत दोषियों को छूट देने पर विचार के लिए कहा था। 

गौरतलब है कि साल 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने के मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, गुजरात सरकार ने 15 साल जेल की सजा काटने के बाद दोषियों को रिहा कर दिया था। जिसको लेकर गुजरात सरकार ने कहा था कि सरकार ने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है। 

दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसमें 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई में 1992 में बने नियम लागू होंगे। इसी आधार पर 11 दोषियों की रिहाई हुई थी। वहीं बिलकिस बानो के वकील ने लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments