Latest news
हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज सरकारी विभागों में भर्ती के मामले में रिकॉर्ड रच रही धामी सरकार मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डसमान नागरिक संहिता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की...

समान नागरिक संहिता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम: सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये हमने प्रदेश की जनता से वादा किया था। इसके लिये प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें मैनडेट दिया है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप हमनें इस दिशा में कदम उठाये हैं। इसमें समुदाय विशेष की कोई हानि नहीं है। उत्तराखण्ड देवभूमि है राज्य का मूल स्वरूप न बिगडे यह देखना हमारी जिम्मेदारी है। मंगलवार को एक समाचार एजेन्सी को दिये गये साक्षात्कार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, इसके प्रयास किये गये है।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। समान नागरिक सहिंता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 02 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। ड्राफ्ट मिलते ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत कर लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा है। धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। राज्य हित में उत्तराखण्ड में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब धर्मांतरण कराने वालों के विरूद्ध इस कानून के तहत कार्यवाही की जा सकेगी। राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। इसमें 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments