देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंलगवार को देहरादून स्थित गुनियाल गांव में सैन्यधाम निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निर्माण कार्यों में कुछ खामियों पर अधिकारियों पर नाराजगी भी व्यक्त की। दरअसल मंगलवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सैन्य धाम स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने सैन्य धाम में अंकित किए जाने वाले शहीदों के नाम पर उनकी वीरता जैसे अशोक चक्र, परमवीर चक्र, सेना मेडल इत्यादि पदकों के नाम का उल्लेख न होने पर जमकर अधिकारियों पर बरसे। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के उपरांत सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कैंप कार्यालय में सैनिक कल्याण के उच्च अधिकारियों तथा जिलाप्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। मंत्री ने बैठक के दौरान सैन्य धाम निर्माण से संबंधित आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य में इस्तेमाल सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाए।
सैनिक कल्याण मंत्री ने मीडिया में जारी बयान देते हुए कहा सैन्य धाम करोड़ो लोगों की आस्था का केंद्र है। मंत्री ने कहा देश की सीमा पर रक्षा करने वाला हर पांचवा सैनिक उत्तराखंड से होता है। जिस सैनिक ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है और उसकी बहादुर के लिए देश के राष्ट्रपति द्वारा उनकी वीरता के लिए अशोक चक्र, महावीर चक्र, सेवा मेडल जैसे पदकों से नवाजा गया है। सैन्य धाम में उनका नाम लिखना और शहीद पदक विजेतों के आगे उनकी वीरता का उल्लेख न होना सैनिक की वीरता के साथ अन्याय है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उन्होंने सचिव सैनिक कल्याण को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इसमें प्रथम दृष्टया जो भी दोषी है, उस संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर उनके वेतन से कटौती की जाए और व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा सैन्य धाम का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा यह सैन्य धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा सैन्य धाम का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश देते हुए कहा उत्तराखंड में बन रहे सैन्यधाम की भव्यता व दिव्यता का भी विशेष ध्यान दिया जाए। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा प्रदेश भर के 1734 शहीदों के आंगन की मिटटी और प्रदेश के गंगा-यमुना सहित अनेक पवित्र नदियों के जल का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा देशभर के स्मारकों का अध्ययन करने के बाद सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा भारतीय सेना में जिन दो सैनिकों की पूजा की जाती है, बाबा हरभजन सिंह और बाबा जसवंत सिंह जिन्होंने 1962 के युद्ध में 300 से अधिक चीन के सैनिकों को अकेले मौत के घाट उतारा था। उन्होंने कहा बाबा हरभजन सिंह और बाबा जसवंत सिंह दोनों के मंदिर यहां बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा देश के प्रथम सीडीएस और उत्तराखण्ड का गौरव स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर सैन्य धाम का मुख्य गेट बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा निश्चित ही जब यह सैन्य धाम बनकर तैयार होगा यह जिस प्रकार चारों धामों के दर्शन करने के लिए देश भर से यात्री उत्तराखंड पहुंचते हैं। ठीक उसी प्रकार सैन्यधाम को देखने के लिए भी देश-दुनिया से लोग यहां पहुंचेंगे। उन्होंने कहा जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण होगा और यह पंचम धाम सैन्य धाम वीर नारियों, वीर माताओं और प्रदेश की जनता को समर्पित किया जायेगा। इस अवसर पर सचिव दीपेंद्र चैधरी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, उपनिदेशक कर्नल एमएस जोधा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
अंतिम चरण में उत्तराखंड के पंचम धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य
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