देहरादून। प्रेम, सद्भाव व आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला झंडे जी के आरोहण के साथ शुुरु हो गया। इस दौरान गुरू रामराय के जयकारों से वातावरण गूंजायमान रहा।
शनिवार प्रातः आठ से नौ बजे दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया के बाद दूध, दही, गंगाजल से ध्वजदंड (झंडेजी) को स्नान कराया गया। जिसके बाद दस बजे से सादे, सनील गिलाफ के बाद दर्शनी गिलाफ चढाया गया व चंवर गोटों से झंडेजी को सजाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में संगतें वहां पर मौजूद थी तथा श्री गुरू राम राय की जयकारों से पूरा वातावरण गूंज रहा था। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कडे इंतेजाम किये हुुए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। झंडे मेले के लिए एक अस्थायी कोतवाली को भी स्थापित किया गया।
दोपहर दो बजे से जयकारों के साथ झंडेजी के आरोहण की तैयारियां शुरू हो गयी थी। इस वर्ष ग्राम अहराणा कला जिला होशियारपुर पंजाब के हरभजन सिंह को दर्शनी गिलाफ चढाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके स्वजनों ने यह बुकिंग 108 साल पहले करायी थी। इस अवसर पर दरबार साहिब में देश विदेश की संगतों के साथ ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की संगते गत दिवस ही दरबार साहिब में पहुंच गयी थी। इस दौरान गुरू महाराज के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज रहा था। झंडेजी के आरोहण के सजीव प्रसारण के लिए विभिन्न स्थानों पर पांच एलईडी स्व्रफीन लगायी गयी थी तथा दरबार साहिब के यूटयूब व फेसबुक पेज पर भी सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा था। दोपहर तीन बजे से संगतों ने बल्लियों की कैंची बनाकर झंडे जी का आरोहण शुरू किया।
झंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हुआ ऐतिहासिक झंडा मेला
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