देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को ऋषिकेश से पंज प्यारों की अगुवाई में हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को रवाना किया। राज्यपाल ने इस दौरान यात्रा के लिए जाने वाले संगतों के प्रथम जत्थे को बधाई देते हुए उनके सुगम व सुरक्षित यात्रा की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड साहिब जी की यात्रा हम सबके लिए श्रद्धा, भक्ति और विश्वास की यात्रा है। यह यात्रा गुरुओं के चरणों में अपनी सच्ची आस्था प्रकट और उनकी कृपा प्राप्त करने की भी यात्रा है।
उन्होंने कहा कि पवित्र तीर्थ स्थली श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा करना सौभाग्य की बात है। 15 हजार फीट की ऊंचाई तक की यह यात्रा, रोमांचित कर देने वाली कठिन यात्रा है। 18 किलोमीटर की यह पैदल यात्रा, हर एक श्रद्धालु की कठिन परीक्षा लेने वाली यात्रा भी है। यह प्रसन्नता की बात है कि आप सभी श्रद्धालु-जन, इस कठिन और पवित्र यात्रा के साक्षी बन रहे हैं और सभी इस यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।
सिख गुरुओं को स्मरण करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘स्वाभिमान, साहस, बलिदान, परिश्रम और सेवा के मार्ग पर चलकर ‘‘सवा लाख ते एक लड़ावां’’ का संदेश अदम्य साहस की शिक्षाओं का सार है। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्थानीय प्रशासन और तीर्थ यात्रा समिति को बधाई दी और यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंध की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि और प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और यात्रा सुचारू चल रही है। इस अवसर पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने यात्रा तैयारियों और उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए संगतों की सफल यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कुलपति, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो0 दिनेश चंद्र शास्त्री, हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला, भोले जी महाराज, परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख चिदानंद सरस्वती, पद्मश्री संत बलवीर सिंह सिच्चेवाल, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पंज प्यारों की अगुवाई में हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना
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