Latest news
नया वक्फ कानून जनहित के लिए लाया गया ऐतिहासिक फैसलाः सीएम धामी ईगो छोड़ धारा 163 अन्तर्गत प्रदत्त निर्देशों के क्रियान्वयन व समन्वय में नजर आए मुझे सभी अधिकारीः डीए... राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्धः सीएम मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी तेज सनफॉक्स ने मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में पहला मरीज अनुभव केंद्र शुरू किया उत्तराखंड के बारहनाजा मिलेट्स के उत्पादन को नए तौर-तरीकों से उत्पादित करने की सरकार की बड़ी पहलः जोशी श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल से की भेंट देहरादून में डेंगू से एक की मौत, प्रदेशभर में 18 मामले आए सामने विश्व पुस्तक दिवस पर प्रदेशभर में चलेगा मतदाता जागरूकता अभियान 26 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह

[t4b-ticker]

Saturday, April 19, 2025
Homeउत्तराखण्डस्तनपान शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करताः डॉ. आस्था अग्रवाल

स्तनपान शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करताः डॉ. आस्था अग्रवाल

हरिद्वार। स्तनपान एक प्राकृतिक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो नवजात शिशुओं के स्वस्थ विकास और वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में, मैं आपको स्तनपान के फायदों और इसके सही तरीके के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहूंगी। स्तनपान का पहला और सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। मां के दूध में विटामिन, खनिज, प्रोटीन और एंटीबॉडीज होते हैं जो शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और उसे विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा, मां का दूध शिशु के पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है और उसे यह आसानी से पच जाता है।
स्तनपान शिशु और मां दोनों के लिए लाभकारी है। शिशु को मां के साथ शारीरिक संपर्क और सुरक्षा का अनुभव होता है, जिससे उसकी भावनात्मक वृद्धि होती है। वहीं, स्तनपान मां के लिए भी लाभकारी होता है क्योंकि यह उसे प्रसव के बाद जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है और भविष्य में होने वाले कुछ रोगों के जोखिम को कम करता है। स्तनपान की सही तकनीक का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। जब आप शिशु को स्तनपान कराएं, तो यह सुनिश्चित करें कि शिशु का मुंह पूरी तरह से निप्पल और एरियोला (निप्पल के आसपास का गहरा हिस्सा) को ढक रहा हो। इससे शिशु को सही ढंग से दूध पीने में मदद मिलती है और मां को दर्द या छाले की समस्या नहीं होती। स्तनपान की अवधि और आवृत्ति शिशु की जरूरतों के अनुसार बदलती रहती है। सामान्यतरू नवजात शिशु को हर 2-3 घंटे में स्तनपान कराना चाहिए। रात में भी शिशु को भूख लग सकती है, इसलिए रात में भी उसे स्तनपान कराएं। अंत में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि हर मां और शिशु की स्थिति अलग होती है। यदि आपको स्तनपान के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या या संदेह हो, तो बिना झिझक अपने शिशु रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। स्तनपान एक सुंदर अनुभव है और इसे आराम और आत्मविश्वास के साथ करें। आपका शिशु स्वस्थ और खुशहाल रहेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments