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Saturday, September 21, 2024
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खराब प्रदर्शन करने वाले शाखा प्रबंधकों व कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगीः जावलकर

देहरादून। सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने कोऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य व जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही जो कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें श्परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारियोंश् प्रोग्राम के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त दी जाएं।
सचिव श्री जावलकर ने आज मंगलवार को राज्य सहकारी बैंक के देहरादून कैम्प कार्यालय में आला बैंक अफसरों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग जैसी आधुनिक सेवाओं को जल्द से जल्द प्रारंभ करने का भी निर्देश दिए ताकि ग्राहकों को बेहतर सुविधा मिल सके। बैंक में बढ़ रही एनपीए की समस्या पर खास ध्यान देते हुए, श्री जावलकर ने एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने एनपीए वसूली के लिए पुलिस की मदद लेने के निर्देश जारी किए गए।
बैठक के दौरान सचिव जावलकर ने राज्य सहकारी बैंक के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया, जिसमें प्रबंध निदेशक श्री नीरज बेलवाल ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। श्री बेलवाल ने सचिव को बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंक की 15 में से 12 शाखाएं लाभप्रद स्थिति में हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि बकाया ऋणों की वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में 4.08ः की कमी आई है। प्रगति रिपोर्ट के जवाब में सचिव जावलकर ने प्रबंध निदेशक को प्रधानमंत्री सहकारी आवास ऋण, ग्रह ऋण, कोऑपरेटिव हाउसिंग ऋण की ठोस नीति बनाई जाए। तथा सरकारी कर्मचारियों एवं कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए आकर्षित करने हेतु अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। जिला सहकारी बैंकों का सीडी रेशो कम पर सचिव ने चिंता जताते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश दिए। इस बैठक में बैंक की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर गहन चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए। श्री जावलकर ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बैंक की सेवाएं अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकें और ग्राहकों को बिना किसी कठिनाई के लाभ मिले। इन आदेशों का पालन करने से बैंक की कार्यक्षमता और सेवाओं में सुधार होने की उम्मीद की जा रही है। समीक्षा बैठक में एमडी नीरज बेलवाल, जनरल मैनेजर मुकेश महेश्वरी असिस्टेंट जनरल मैनेजर आर एस रैना, आकांक्षा कंडारी, नेहा कांत, पंकज बमेटा, आदि अधिकारी मौजूद थे।देहरादून, आजखबर। सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने कोऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य व जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही जो कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें श्परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारियोंश् प्रोग्राम के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त दी जाएं।
सचिव श्री जावलकर ने आज मंगलवार को राज्य सहकारी बैंक के देहरादून कैम्प कार्यालय में आला बैंक अफसरों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग जैसी आधुनिक सेवाओं को जल्द से जल्द प्रारंभ करने का भी निर्देश दिए ताकि ग्राहकों को बेहतर सुविधा मिल सके। बैंक में बढ़ रही एनपीए की समस्या पर खास ध्यान देते हुए, श्री जावलकर ने एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने एनपीए वसूली के लिए पुलिस की मदद लेने के निर्देश जारी किए गए।
बैठक के दौरान सचिव जावलकर ने राज्य सहकारी बैंक के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया, जिसमें प्रबंध निदेशक श्री नीरज बेलवाल ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। श्री बेलवाल ने सचिव को बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंक की 15 में से 12 शाखाएं लाभप्रद स्थिति में हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि बकाया ऋणों की वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में 4.08ः की कमी आई है। प्रगति रिपोर्ट के जवाब में सचिव जावलकर ने प्रबंध निदेशक को प्रधानमंत्री सहकारी आवास ऋण, ग्रह ऋण, कोऑपरेटिव हाउसिंग ऋण की ठोस नीति बनाई जाए। तथा सरकारी कर्मचारियों एवं कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए आकर्षित करने हेतु अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। जिला सहकारी बैंकों का सीडी रेशो कम पर सचिव ने चिंता जताते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश दिए। इस बैठक में बैंक की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर गहन चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए। श्री जावलकर ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बैंक की सेवाएं अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकें और ग्राहकों को बिना किसी कठिनाई के लाभ मिले। इन आदेशों का पालन करने से बैंक की कार्यक्षमता और सेवाओं में सुधार होने की उम्मीद की जा रही है। समीक्षा बैठक में एमडी नीरज बेलवाल, जनरल मैनेजर मुकेश महेश्वरी असिस्टेंट जनरल मैनेजर आर एस रैना, आकांक्षा कंडारी, नेहा कांत, पंकज बमेटा, आदि अधिकारी मौजूद थे।

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