देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस शीर्ष नेताओं से अपने विधायकों को मैदान पहाड़ में बांटने वाली चर्चा से बचने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस विभाजनकारी राजनीति का बड़ा खामियाजा कांग्रेस पार्टी को शीघ्र उठाना पड़ेगा। वहीं उन्होंने मीडिया से भी इस पूरे मुद्दे पर सहयोग करने की अपील की है।
यमुना कालोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का ज़बाब देते हुए उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के अंदर सभी लोगों को उत्तराखंड के हित की बात करनी चाहिए। हम सभी यहां के नागरिक हैं, लेकिन इस प्रकार पहाड़ मैदान में बांटने का जो द्वंद खड़ा किया जा रहा है। उसके पीछे कोई न कोई कुचक्र अवश्य है, जिसका पर्दाफाश हम सबको मिलकर करने की जरूरत है। जो लोग इसके पीछे है और उत्तराखंडी समाज के विभाजन की मंशा रखते हैं, उनकी पहचानना करना जरूरी है। निकाय चुनावों में ऋषिकेश के बाद इस क्रम को जिस तरह आगे बढ़ाया गया, उस पर सदन में जब कांग्रेस के विधायक ऐसा वातावरण खड़ा करते हैं, किसी भी तरह से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी कहेंगे कि उनके विधायकों द्वारा जिस तरीके से मैदानी पहाड़ी की बयानबाजी कर राज्य में विभाजन रेखा खींची जा रही है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी ऐसी कोशिशों से उत्तराखंडी समाज को हानि हम नहीं पहुंचने देंगे। लेकिन यदि विपक्ष में सुधार नहीं हुआ तो कांग्रेस को भी बहुत बड़ा झटका कुछ दिनों में लगने वाला है।
भट्ट ने भू कानून को लेकर कांग्रेस के विरोध पर निशाना साधा कि प्रत्येक अच्छे काम का वह विरोध करते हैं। यही वजह है कि जनता उन्हें समय समय पर सबक सिखाती रहती है। आज जनसहयोग से सभी पक्षों की सहमति और विस्तृत चर्चा के बाद उत्तराखंड को सशक्त भू कानून मिला है। लिहाजा सभी को उसका स्वागत करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस की हर अच्छे कार्य के विरोध की प्रवृति बन गई है। पीएम मोदी की उत्तरकाशी यात्रा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा का जो विचार मुख्यमंत्री धामी ने जमीन पर उतारा है, उस पर चार चांद लगाने मोदी जी आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मां गंगा के उस स्थल पर जा रहे हैं जहां मां गंगा की डोली पहुंचती है और शीतकाल में प्रवास करती है। उनके वहां जाने से इस यात्रा असीमित प्रचार मिलेगा। जिससे उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार बढ़ेगा और रोजगार की रिकॉर्ड संभावनाएं सृजित होंगी।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से विभाजन की चर्चा से बचने का भट्ट ने किया आग्रह
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