देहरादून : योजनाओं में हो रहे फर्जीवाडे की रोकथाम के लिए एक मजबूत कदम उठाया गया हैI जिसके लिए अगले एक महीने के अंदर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से 20 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के 7.50 लाख बच्चों को आधार से जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है। इस प्रकरण के लिए विभाग की ओर से साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। जिसके आधार पर बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक एसके सिंह के मुताबिक विभाग में अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों में संख्या के आधार पर बच्चों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। किसी आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या डेढ़ सौ तो किसी में दो सौ दिखा रहा है। बच्चों की संख्या के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों को पैसा दिया जा रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगले एक महीने के भीतर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को आधार से जोड़ा जाएगा।
अब आंगनबाड़ी केंद्रों को आधार से जोड़ने से पहले बच्चों का रिकार्ड मंगाया जा रहा है। बच्चों को आधार से जोड़ने के बाद बच्चों का नाम, आधार नंबर, पिता का नाम, मोबाइल नंबर आदि सभी रिकार्ड एक साफ्टवेयर में रहेगा। इससे विभाग के पास न सिर्फ इन केंद्रों में आने वाले बच्चों की पूरी जानकारी होगी बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी पूरा विवरण होगा। विभाग की ओर से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बच्चों को आधार से जोड़े जाने से इन केंद्रों में बच्चों की वास्तविक संख्या सामने आएगी। यदि बताई गई संख्या से बहुत कम बच्चे मिले और किसी तरह का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।