देहरादून। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन कार्यक्रम की तीसरी वर्षगांठ पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से बीएस नेगी राजकीय इंटर कालेज गुजराड़ा व अन्य स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाया गया। यहां स्कूली बच्चों, शिक्षकों व आम लोगोें को आभा आईडी बनाने के तरीके तथा उसके महत्व के बारे में जानकारियां दी गई।
गुजराड़ा में स्कूली बच्चों के बीच जाकर एबीडीएम की प्रबंधक प्रज्ञा पालीवाल ने एबीडीएम के अंतर्गत आभा आई बनाने के सरल तरीकों के बारे में मोबाइल से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन 27 सितंबर 2022 को मिशन की शुरूआत हुई थी। इन तीन साालों मेें प्रदेशभर में 68 लाख से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं। इसके अलावा 5508 चिकित्साकर्मियों व 3315 चिकित्सा इकाई पंजीकृत हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें प्रत्येक आभा आईडी धारक का मेडिकल रिकार्ड डिजिटली रखा जा सकेगा। डाक्टरों व अस्पतालों की सारी जानकारी भी एक क्लिक पर दिख जाएगी। क्यूओर कोड से अस्पतालों का पर्चा बनाया जा सकता है।
इस मौके परं मोबाइल से आभा आईडी कैसे बनाई जाएगी, इसके क्या फायदे होंगे इस तरह के तमाम सवाल भी उत्सुक बच्चों द्वारा टीम से पूछे गए। स्वयं अपनी आभा आई बनाने व सवालों के संतोषजनक उत्तर मिलने से बच्चों की खुशी देखते ही बन रही थी। बच्चों को एबीडीएम की विस्तृत जानकारी वाले पंपलेट व नोट पैड, पेन भी वितरित किए गए। विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल रावत, अरूण सिंह बिष्ट, किरन नेगी, सीएच ममगाई, जगदीश चैहान आदि ने एबीडीएम को बहुत महत्वपूर्ण साथ ही विद्यालय मेें जागरूकता कार्यक्रम के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का आभार जताया।
स्कूली बच्चोें को दी एबीडीएम की जानकारी, आभा आईडी बनाकर खुश हुए बच्चे
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