Latest news
सीएम की प्ररेणा से शहर के प्रमुखतम चौक चौराहे व घंटाघर आधुनिक परम्परागत सौन्दर्यीकरण की ओर इंडियन आर्मी सूर्य देवभूमि चैलेंज मिर्ची के सहयोग से अडवेंचर, कल्चर और एंड्योरेंस का एक भव्य संगम सा... ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद 30 अप्रैल को मनाएगी भगवान परशुराम जन्मोत्सव           पांच महीनों में 253 किसानों ने किया ढाई करोड़ का कारोबार ओल्ड इज गोल्ड नाइट में गूंजे रेट्रो बॉलीवुड के सदाबहार नगमे सोमवार को प्रदेशभर के विद्यालयों में मनाया जायेगा प्रवेशोत्सवः डॉ. धन सिंह रावत   एसजीआरआर स्कूल की प्रधानाचार्य निलंबित डेंगू नियंत्रण और जागरूकता के लिए स्कूलों को एडवाइजरी जारी करने के दिए निर्देश प्रसिद्ध यूट्यूबर एवं कंटेंट क्रिएटर ने की सीएम धामी से मुलाकात डेंगू रोकथाम को माइक्रोप्लान पर काम करें अधिकारीः डॉ. धन सिंह रावत

[t4b-ticker]

Monday, April 21, 2025
Homeराजनीतिभाजपा सरकार में बतौर मंत्री फेल रहा: हरक सिंह रावत

भाजपा सरकार में बतौर मंत्री फेल रहा: हरक सिंह रावत

देहरादून: पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपनी जगह अपनी बहू अनुकृति गुंसाई को लैंसडौन सीट से चुनाव लड़ाया था। लेकिन हरक की तमाम कोशिशों के बावजूद अनुकृति जीत नहीं पाईं।

प्रैस वार्ता के दौरान अपने मन की बात खुलकर साझा करते हुए हरक ने कहा कि भाजपा सरकार में बतौर मंत्री में फेल रहा। चूंकि जनता से किया मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा में पूरा नहीं कर पाया, इसलिए पार्टी की जिद के बावजूद कोटद्वार से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा।

पहले कांग्रेस सरकार और फिर भाजपा सरकार में कृषि एवं उद्यान मंत्री रहे हरक ने कहा कि उद्यान सेक्टर में उत्तराखंड अपेक्षा के अनुसार काम नहीं कर पाया। सेब उत्पादन में उत्तराखंड आज भी पीछे है। कश्मीर और हिमाचल के बाद उत्तराखंड आता है। भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को हरक ने स्वयं ही निराशाजनक माना है।

उद्यान विभाग को कठघरे में खींचते हुए रावत ने कहा कि मैंने अपने खेत में शिमला मिर्च लगाई थी। उस पर कीड़ा लग गया। उद्यान विभाग के अधिकारी, यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ भी उस कीड़े का इलाज नहीं तलाश पाए। अब इससे ज्यादा और क्या कहा जाए?

हरक ने दोहराया कि उनका भाजपा छोड़ने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा छोड़ने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता मुझसे कोटद्वार से चुनाव लड़ने के लिए बार-बार कहते रहे, पर जनता से किए वादे नहीं निभा पाने की वजह से मैं मन नहीं बना पाया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments