Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डसीएम धामी ने यूपी सीएम से भेंट कर आस्तियों व दायित्वों के...

सीएम धामी ने यूपी सीएम से भेंट कर आस्तियों व दायित्वों के विभाजन पर की चर्चा

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रभु बदरी विशाल जी की प्रतिमा और प्रदेश में उत्पादित श्रीअन्न से बने उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के विभाजन संबंधी विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की।

भेंट के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनपद हरिद्वार के असिंचित क्षेत्रों हेतु गंग नहर से 665 क्यूसेक जल सिंचाई हेतु उत्तराखण्ड राज्य को उपलब्ध कराये जाने का पुनः अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनपद हरिद्वार के तीन विकासखण्डों के 74 गांवों की 18280 हैक्टेयर असिंचित भूमि में सिंचाई सुविधा प्रदान करने हेतु 35 कि0मी0 लम्बी इकबालपुर नहर प्रणाली तथा कनखल एवं जगजीतपुर नहर की क्षमता विस्तार किया जाना प्रस्तावित है। प्रश्नगत क्षेत्र में सिंचाई हेतु कोई नदी व अन्य जल श्रोत उपलब्ध नही हैं। जिस कारण गंग नहर से 665 क्यूसेक पानी उत्तराखण्ड को दिया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधीक्षण अभियन्ता गंग नहर संचालन मण्डल, उ०प्र०. सिं०वि०, मेरठ द्वारा गंग नहर से 665 क्यूसेक जल मात्र खरीफ फसल हेतु उत्तराखण्ड राज्य को उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रारम्भिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट प्रेषित की गयी थी एवं फिजीबिलिटी रिपोर्ट में अवगत कराया गया था कि 665 क्यूसेक जल खरीफ फसल हेतु उपलब्ध कराया जा सकता है, और रबी की फसल की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं है।

कहा कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा टिहरी बाँध से मिलने वाले 4879 क्यूसेक अतिरिक्त जल में से 665 क्यूसेक जल की मांग की गयी है, वह न्यूनतम एवं औचित्यपूर्ण है, जो टिहरी बाँध से उपलब्ध होने वाले अतिरिक्त जल का 13.5 प्रतिशत मात्र है तथा उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित उपयोगिता 4000 क्यूसेक जल के पश्चात् अवशेष उपलब्ध जल से भी कम है, जिस पर सहमति उ०प्र० शासन स्तर पर लम्बित है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड राज्य की प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं हेतु 665 क्यूसेक पानी की आपूर्ति उत्तरी गंग नहर से किये जाने के सम्बन्ध में स्वीकृति प्रदान किये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के विभाजन के सम्बन्ध में भी चर्चा की। कहा कि जनपद हरिद्वार में सिंचाई विभाग की 615.836 है0 भूमि एवं 348 सं0 आवासीय भवन तथा 167 सं० अनावासीय भवन उत्तराखण्ड राज्य को हस्तान्तरण किये जाने हेतु दोनो मुख्य सचिवों द्वारा संयुक्त सहमति व्यक्त की गयी है। इसी प्रकार ‘‘जनपद ऊधमसिंहनगर की कुल 332.74 है भूमि में से 322.00 है० नानक सागर बांध डूब क्षेत्र की भूमि से उत्तराखण्ड राज्य के सहयोग से अतिक्रमण हटाये जाने तथा अवशेष 10.748 है0 भूमि उत्तराखण्ड राज्य को उपलब्ध कराये जाने के संबंध में शीध्र निर्णय लिये जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनो राज्यों के अधिकारियों द्वारा बनबसा स्थित भूमि का पुनः सर्वेक्षण कर कन्दूर मैप एवं प्लान तैयार कर लिया गया है तथा उस पर विभिन्न प्रकार की भूमि का अंकन भी कर लिया गया है। सिंचाई विभाग उत्तराखण्ड के अधिकारियों द्वार कुल 1410.55 है भूमि में से 162.05 80 भूमि को हस्तान्तरण हेतु उपयुक्त पाया गया है। इन सभी बिन्दुओं पर दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ हुई बैठक में सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि जिन परिसम्पत्तियों के उत्तराखण्ड राज्य को हस्तान्तरण पर सहमति हो गयी है, उनके हस्तान्तरण के लिये शीघ्र शासनादेश निर्गत किया जाये।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments