देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्य में विभिन्न प्रकार की आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए आधुनिकतम तकनीक वाले राहत और बचाव उपकरणों की खरीद करेगा। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन के अनुसार, मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन तथा राहत और बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने पर जोर दिया गया है।
शुक्रवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन के समक्ष यूएसडीएमए भवन में एक निजी कंपनी ने विभिन्न प्रकार के उपकरणों का डेमो दिया। इनमें अंडर वॉटर रोबोट, लेजर कैमरा, फुलाकर बनाया जाने वाला रेस्क्यू सेंटर, सर्च ऑपरेशंस के लिए अत्याधुनिक कैमरा आदि शामिल हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन का कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा के दौरान त्वरित गति से राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देने तथा आपदा प्रबंधन की दृष्टि से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर उपलब्ध आधुनिकतम तकनीक वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभिन्न कंपनियां अपने उपकरणों का प्रदर्शन करने के लिए पहुंचती हैं। शुक्रवार को भी एक कंपनी ने अपने उपकरणों का डेमो दिया। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न तकनीकी व प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा उपयोग में लाई जा रही आधुनिक तकनीकी का अध्ययन कर उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत जो भी उपकरण उपयोगी पाए जाएंगे, निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनकी खरीद की जाएगी। यूएसडीएमए के विशेषज्ञों द्वारा भी ऐसे उपयोगी उपकरणों का परीक्षण कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस, वन, लोक निर्माण विभाग, अग्निशमन विभाग तथा अन्य रेखीय विभागों के कर्मचारी, जो आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य करते हैं, उनके पास अत्याधुनिक उपकरण हों ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके। इस मौके पर यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, विशेषज्ञ रोहित कुमार, डॉ0 पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, मनीष भगत, हेमंत बिष्ट, तंद्रीला सरकार, जेसिका टेरोन आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने दिया आधुनिकतम तकनीक वाले उपकरणों को अपनाने पर जोर
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