Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डकैंची धाम के स्थापना दिवस पर उमड़ा आस्था का सैलाब

कैंची धाम के स्थापना दिवस पर उमड़ा आस्था का सैलाब

हल्द्वानी: कैंची धाम के 59वें स्थापना दिवस अवसर पर नीम करोली बाबा के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ा है। इस बार का कैंची मेला ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसका अंदाजा कैंची मेले से एक दिन पहले बुधवार शाम पहुंचे बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को देखकर लगाया जा सकता है। देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने रात भर हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही बाबा के जयकारों से कैंची धाम गूंज उठा।

गुरुवार सुबह दो बजे से मंदिर में भक्तों की कतार लगी हुई है। बाबा के जयकारों के साथ कैंची धाम गूंज उठा। कैंची धाम में सुबह 5 बजे पूजा अर्चना के बाद बाबा नीम करौली महाराज को भोग लगाने के बाद कैंची मंदिर के द्वार खोलने के साथ श्रद्धालुओं को मालपुओं का प्रसाद बांटना शुरू किया गया। सुबह 7.30 बजे तीन किमी दूर तक श्रद्धालुओं की कतार पहुंच गई।

श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख पुलिस प्रशासन की टीम भीड़ को व्यवस्थित करने में जुटी रही। कुमाऊं आईजी नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी पंकज भट्ट, एस पी सिटी हरबंश सिंह, मेला प्रभारी उमेश मलिक, कौश्या कटोली एसडीएम परितोष वर्मा, एसडीएम योगेश सिंह मेहरा सुबह 7 बजे से ही मंदिर में मेले को व्यवस्थित करने में लगे रहे।

साथ ही श्रद्धालुओं की कतार को व्यवस्थित करने के लिए वॉलिंटियर की टीम भी लगी रही। श्रद्वालु हनुमान चालीसा के पाठ के साथ बाबा के जयकारों के साथ बारी-बारी से मंदिर परिसर में प्रवेश करने के साथ बाबा के दर्शन के साथ प्रसाद लेकर पिछले द्वार से वापस लौटते रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments