Latest news
मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण ऊर्जा निगम मुख्यालय पर रीजनल पार्टी ने किया प्रदर्शन सभी पुराणों ने गौ को माता का सम्मान दियाः ग़ोपाल मणि महाराज स्पीकर ने विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के दिए निर्देश खड़गे ने पत्र गलत पते पर भेजा, राहुल को समझाते तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आतीः महेंद्र भट्ट मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक मनीष थापा को श्रद्धांजलि अर्पित की उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्ड4200 करोड़ की परियोजनाओं के उपहार से निखरेगा उत्तराखंड: महाराज

4200 करोड़ की परियोजनाओं के उपहार से निखरेगा उत्तराखंड: महाराज

पिथौरागढ़/देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति, मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा आगमन के दौरान प्रदेश को 4200 करोड़ की परियोजनाओं की बड़ी सौगात देकर सिद्ध कर दिया है कि वास्तव में आने वाला दशक उत्तराखंड का ही है।
प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति, मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा आगमन पर प्रदेश को 4200 करोड़ की परियोजनाओं का उपहार देने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का पहले से ही देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई बार यहां के आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया है। उत्तराखंड के प्रति उनका अटूट स्नेह इस बात का प्रमाण है कि वह समय-समय पर अपने संबोधन में कई बार कह चुके हैं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है।
श्री महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा पहुंच कर जिस प्रकार से प्रदेश को 4200 करोड़ की परियोजनाओं का उपहार देने के अलावा आदि कैलाश के दर्शन कर पार्वती कुंड के समीप पुजा अर्चना की और फिर गुंजी गांव पहुंचकर सेना के जवानों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने स्थानीय लोगों से मिलने के पश्चात जागेश्वर धाम में शिव आराधना की। निश्चित रूप से उनकी यह पहल उत्तराखंड के विकास और पर्यटन की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगी। श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड सीमा पर लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिलहाल कोरोनाकाल से बंद है इसलिए श्रद्धालुओं के लिए आदि कैलाश की यात्रा की शुरुआत की गई है। आदि कैलाश को भारत का कैलाश मानसरोवर कहा जाता है। चीन के कब्जे वाले तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत की परछाई जैसे मानसरोवर झील में दिखती है वैसे ही आदि कैलाश पर्वत की परछाई पर्वती कुंड में पड़ती है जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूजा अर्चना की गई।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments