Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ... सीएम ने हाथीबड़कला में सुना पीएम मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी विजेता महिला हॉकी टीम की सदस्य मनीषा चौहान ने सीएम से की भेंट

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeपर्यटनराष्ट्रीय पार्कों में बढ़ती गन्दगी और पर्यटकों के बर्ताव को लेकर जल्द...

राष्ट्रीय पार्कों में बढ़ती गन्दगी और पर्यटकों के बर्ताव को लेकर जल्द जारी होगी नई गाइडलाइन

देहरादून: उत्तराखंड सरकार राष्ट्रीय पार्कों और पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिया कुछ बदलाव करने जा रही है। इसके लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

पर्यटकों की सुरक्षा और उनके बर्ताव को लेकर सरकार नई गाइडलाइन बना रही है। जिसमें धर्मशाला और होटल्स में खुले में पानी बहाने को लेकर प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके साथ ही घूमने आये पर्यटकों जो जगह-जगह पर गंदगी और कूड़ा करते है उसको लेकर भी कुछ नियम बनाये जाएंगे।

राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ.पराग धकाते ने बताया कि इसके लिए केंद्र सरकार नई गाइडलाइन बना रही है। इसमें कुछ संसोधन के बाद इसे राज्य में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया है कि घूमने आये पर्यटकों की सुरक्षा और उनके बर्ताव को देखते हुए नई नियमावली तैयार की जाएगी। इसके साथ ही नियमों का उलंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा।

बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क में बने 10 किलोमीटर तक के प्राइवेट क्षेत्रों में माइनिंग के लिए भारतीय वन्यजीवन संस्थान पॉलिसी तैयार की जाएगी। जिसके लिए संस्थान ने दो माह का समय दिया है। इस अवधि पर इस बात का भी अध्यन किया जाएगा कि भविष्य में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कोई खतरा तो पैदा नहीं होगा, क्यूंकि पार्क से लगी नदी के किनारे की जमीनें लोगों की है। जिन पर वे खनन के पट्टे के लिए आवेदन करते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments