Latest news
मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण ऊर्जा निगम मुख्यालय पर रीजनल पार्टी ने किया प्रदर्शन सभी पुराणों ने गौ को माता का सम्मान दियाः ग़ोपाल मणि महाराज स्पीकर ने विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के दिए निर्देश खड़गे ने पत्र गलत पते पर भेजा, राहुल को समझाते तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आतीः महेंद्र भट्ट मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक मनीष थापा को श्रद्धांजलि अर्पित की उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डजल संरक्षण क्षेत्रों की पहचान करते हुए उनके संवर्धन एवं उपचार को...

जल संरक्षण क्षेत्रों की पहचान करते हुए उनके संवर्धन एवं उपचार को प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देश

देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में जल संरक्षण अभियान-2024 के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में सम्बन्धिता विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक विकासखण्ड में जल स्रोतों, एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण करते हुए संवर्धन का कार्य किया जाना है, साथ ही सूख रहे जल स्रोतों, नदियों, धाराओं के जल संरक्षण क्षेत्रों की पहचान करते हुए उनके संवर्धन एवं उपचार हेतु प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने अधिकारियों को विकासखण्डवार जल स्रोतों, धाराओं, नदियों के चिन्हीकरण करते हुए निर्धारित प्रारूप पर सूचना प्रेषित करने के निर्देश दिए। ज्ञातब्य है कि प्रथम चरण में विकासखण्डवार 10 जल स्रोतों एवं जनपद की 20 सहायक नदियों को लक्षित करते हुए उपचार एवं संवर्धन कार्य संचालित किया जाना है।
जिलाधिकारी ने सूख चुके तालाबों के चिन्हीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान पर भी कार्य के करने के निर्देश दिए हैं। पेयजल विभाग एवं जल संस्थान द्वारा चिन्हित ऐसी पेयजल योजनाएं जिसमें जल का प्रवाह अत्यधिक कमी दृष्टिगत हो रही है, के उपचार की योजना निर्माण कर क्रियान्वयन योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल एवं जल संस्थान विभाग द्वारा निर्मित वर्षा आधारित पेयजल योजना जो सहायक नदियोंध्गधेरों पर निर्भर है, इनके जीर्णोद्धार की योजना प्राथमिकता के आधार पर निर्मित कर गतिविधियां प्रांरभ की सकती हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में जल स्रोतों के पुनरोद्धार को लक्षित करते हुये ट्रेचेंज एवं रिचार्ज पिट्स निर्मित करने, मैदानी क्षेत्रों में कच्चे तालाब, चैैक डैम एवं रिचार्ज पिट्स के माध्यम से भू-जल रिचार्ज तथा ग्रामों के समीप वन क्षेत्रों एवं चारागाह क्षेत्रों में चाल-खाल के निर्माण आदि योजनाओं पर को मध्यनजर रखते हुए जलसंवर्धन एवं सरंक्षण हेतु प्रभावी कार्य येाजना तैयार की जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून नीरज कुमार शर्मा, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून गौरव कुमार, अधि0 अभि0 जल संस्थान नमित रमोला, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, अधि0 अभि0 सिंचाई राजेश लांबा व दिनेश उनियाल, पर्यावरणविद विनोद जुगलान सहित पेयजल निगम एवं जल संस्थान सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments