Latest news
मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्री के मसूरी दौरे की तैयारियों को लेकर दिए व्यवस्थाएं पुख्ता करने के न... मुख्य सचिव ने सचिवालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को दिलाई संविधान की शपथ सफाई व्यवस्था को केवल बिजनेस न समझे कंपनियां, लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है यह विषयः डीएम राजभवन में मनाया गया संविधान दिवस प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धौलास में 240 घरों का निर्माण कार्य प्रगति पर लैब में ड्रग, कास्मेटिक और मेडिकल डिवाइस की 2 हजार सैंपल की टेस्टिंग क्षमता; डॉ आर राजेश कुमार उत्तराखंड के देवव्रत पूरी गोस्वामी को भारत के प्रतिष्ठित इन्वेस्टीगेशन लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित कि... टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी

[t4b-ticker]

Wednesday, November 27, 2024
Homeउत्तराखण्डराज्य में शांति और सौहार्द स्थापना के लिए सीएम को लिखा पत्र

राज्य में शांति और सौहार्द स्थापना के लिए सीएम को लिखा पत्र

-पत्र लिखने वालों में मशहूर लेखिका नयनतारा, पूर्व मुख्य सचिव एसके दास शामिल

-धर्म संसद में नफरती बयानबाजी पर जताई चिंता

देहरादून: मशहूर लेखिका सहित कई दिग्गजों ने राज्य में शांति और सौहार्द स्थापना के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने छह मई के बाद धर्म संसद जैसे कार्यक्रम की घोषणा पर चिंता जताते हुए रोक लगाने की मांग की है। 

उत्तराखंड में नफरती बयानबाजी और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पर लेखिका नयनतारा सहगल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एसके दास समेत विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य में शांति और और सौहार्द बनाने के लिए कार्रवाई करने के लिए निर्देश देने की अपील की है।

पत्र में कहा गया है कि, उत्तराखंड शांतिपूर्ण राज्य के तौर पर जाना जाता है। सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए कुछ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों की त्वरित कार्रवाई से सद्भाव और लोकतंत्र के लिए स्थानीय आबादी की प्रतिबद्धता भी प्रकट होती है। लेकिन उत्तराखंड में नफरत और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश बेहद चिंताजनक है। इसलिए निर्दोष लोगों के जीवन की रक्षा, राज्य की संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई होनी लाजिमी है।

पत्र में धर्म संसद के मुख्य आयोजक का जिक्र करते हुए लिखा, हिंसा की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन के सक्रिय कार्रवाई न करने पर न्यायालय गंभीर आशंका जाहिर कर चुका है। पत्र में धर्म संसद के मुख्य आयोजक यती नरसिंहानंद का भी जिक्र कर कहा गया कि चार आईपीएस अधिकारी (जिनमें दो सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक हैं) जनवरी में पत्र लिख चुके थे कि उत्तराखंड में धर्म संसद जैसे आयोजन होंगे।

उत्तराखंड में नफरत और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश बेहद चिंताजनक है। जिस पर मशहूर लेखिका ने मामले को गंभीरता से लेने के अनुरोध किया। हाल ही में हरिद्वार में हुई हिंसा का भी पत्र में जिक्र है और कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही सांप्रदायिक महापंचायत पर रोक लगी।

पत्र में मुख्यमंत्री से राज्य में आगे ऐसे किसी भी आयोजन पर तत्काल रोक लगाने, ऐसे मामलों में जमानत न देने और उसे रद्द करने, इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने, ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए एक जिम्मेदार नोडल अधिकारी तैनात करने का अनुरोध भी किया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments