Latest news
सीएम ने हाथीबड़कला में सुना पीएम मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी विजेता महिला हॉकी टीम की सदस्य मनीषा चौहान ने सीएम से की भेंट सीएम ने हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया सीएम ने 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया उत्तराखंड के नए डीजीपी हो सकते हैं आईपीएस दीपम सेठ विधानसभा अध्यक्ष ने यमकेश्वर में नवनिर्मित पंचायत भवन का लोकार्पण किया स्पीकर ने जन संवाद के दौरान क्षेत्रवासियों की समस्याएं सुनीं मंत्री जोशी ने 35 लाख की लागत से निर्मित सामुदायिक भवन लोकार्पण किया केदारनाथ विधानसभा उप निर्वाचन की मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से हुई संपन्न जनता के लिए खुलेगा देहरादून राजपुर रोड स्थित ‘राष्ट्रपति आशियाना’

[t4b-ticker]

Monday, November 25, 2024
Homeपर्यावरणप्रदूषण रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन को सीमित करना जरूरी: प्रोफेसर मुकेश शर्मा

प्रदूषण रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन को सीमित करना जरूरी: प्रोफेसर मुकेश शर्मा

देहरादून: उत्तरांचल विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन के तीसरे दिन देशभर के नामचीन वैज्ञानिकों ने शिरकत की| इस दौरान आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा ने शोध के आधार पर वर्तमान में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब होने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा को दूषित होने से बचाना है। इसके लिए हमें कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने की विभिन्न विधियों पर काम करना होगा।

वहीं अमेरिका के प्रोफेसर जे. शुक्ला ने कहा कि यदि समय रहते जलवायु परिवर्तन को लेकर कारगर कदम नहीं उठाए गए तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे।

डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ. अंकुश कोहली ने कहा कि बादलों में आयोनाइजेशन, क्लाउड सीड और तापमान में वृद्धि होने से पूरी दुनिया में बादल फटने, बिजली गिरने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

आईआईजी मुंबई की प्रोफेसर गीता विचारे ने सूर्य के भीतर चल रही गतिविधियों के कारण होने वाले विकिरण और प्लाज्मा के रूप में मिलने वाली आवेशित कणों की सोलर विंड के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसमें इतनी ऊर्जा होती है कि वह हमारे संचार तंत्र, जीपीएस, तेल संयंत्रों, पावर ग्रिड जैसे तंत्र को तबाह कर सकते हैं।

नासा के वैज्ञानिक डॉ. एन गोपाल स्वामी ने सूर्य पर दुनियाभर में हो रहे शोध और सूर्य की घटनाओं का पृथ्वी पर प्रभावों के बारे में बताया। 

इस दौरान जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. राजेश एस गोखले, विज्ञान भारती के सुमित मिश्रा, पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन, डॉ. शांतनु भटवाडेकर, विवि के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी, कुलपति डॉ. सतबीर सहगल, प्रो. धर्मबुद्धि आदि मौजूद थे। 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments