नई दिल्ली: प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री एवं राष्ट्रीय राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष गणेश जोशी ने कोसांब की सामान्य निकाय बैठक में लिए गए निर्णय पर गोवा कृषि वस्तुओं के अंतर-राज्य व्यापार के विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में बैठक ली। मंत्री ने कहा कि सभी सदस्यों और प्रत्येक राज्य को कृषि वस्तु पहुंच को मजबूत करना चाहिए और अपने-अपने राज्यों के बाहर आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करके किसानों को विकल्प प्रदान करना चाहिए। इससे न केवल अंतर-राज्य व्यापार बढ़ेगा, बल्कि किसानों को कीमत की बेहतर प्राप्ति भी सुनिश्चित होगी। हर राज्य में, इससे न केवल आपूर्ति और मांग के बीच अंतर बना रहेगा, बल्कि साल भर कीमतों को स्थिर रखने में भी मदद मिलेगी।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के विशेष कृषि क्षेत्र (एसएजेड) से निश्चित रूप से पारंपरिक चैनलों से वितरण की प्रवृत्ति को उलट कर बिना बिचौलियों के सीधे उपभोग करने वाले राज्यों तक पहुंचने से किसानों को लाभ होगा। इससे अंतरराज्यीय बाजारों और पैकेजिंग इकाइयों के साथ भंडारण सुविधाओं तक अतिरिक्त पहुंच मिलेगी। इस प्रकार का मार्केट लिंकेज देश के छोटे किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा। संसद सदस्य, राज्य सभा कृष्ण लाल पंवार ने इस मुद्दे को 26 जुलाई, 2023 को राज्यसभा में उठाया, जिसकी सभी सदस्यों ने सराहना की। सभापति, राज्यसभा -सह- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगे आवश्यक कार्रवाई के लिए इस विचार की सराहना की।
मंत्री गणेश जोशी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक राज्य को उपयुक्त स्थान की पहचान करनी चाहिए और प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग राज्य मंडपों और सामान्य गोदामों / कोल्ड स्टोरेज सेवाओं के विकास के लिए लगभग 200-300 एकड़ भूमि समर्पित करनी चाहिए, जहां संबंधित राज्यों के किसान पीक सीजन के दौरान अपनी उपज का भंडारण कर सकें और बेच सकें। इससे न केवल उपभोग के आउटरीच स्थान पर किसानों के लिए आत्मविश्वास आएगा, बल्कि किसानों के न्यूनतम शोषण और अधिकतम आय के साथ, साल भर हर जगह वस्तु के प्रसार को बढ़ाते हुए समान वितरण भी मजबूत होगा।
मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक राज्य को आगे आना चाहिए और ऐसे चिन्हित कृषि-हबों में निवेश करना चाहिए और कोसांब, कम से कम लागत पर सामान्य बुनियादी ढांचे का प्रबंधन कर सकता है। यह एकमुश्त निवेश एएमआई योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी और नाबार्ड के आरआईडीएफ ऋण के साथ विभिन्न राज्यों को बढ़े हुए कोटा के साथ लिया जा सकता है। इसी क्रम में इस विचार के संबंध में मंत्री गणेश जोशी ने बैठक कर सभी राज्य सरकारों से उक्त उद्देश्य के लिए 200 एकड़ भूमि आवंटित करने की अपील की। मंत्री ने आगे जोर देकर कहा कि रुद्रपुर में 50 एकड़ भूमि का एक टुकड़ा उपलब्ध है। उन्होंने एमडी सीओएसएएमबी को साइट का दौरा करने और उक्त एग्रो हब विकसित करने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है।
बैठक में कोसंब के प्रबन्ध निदेशक डॉ. जेएस यादव, सलाहकार गिरीश बलूनी एवं सहायक निदेशक चंदन भल्ला, हनुमंत कुमार आदि उपस्थित थे।