ऋषिकेश। पैनेसिया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. संजय चौधरी एवं पैनेसिया हॉस्पिटल की टीम द्वारा मरीज के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस कीर्तिमान को स्थापित करने में पैनेसिया हॉस्पिटल ऋषिकेश का पहला प्राइवेट हॉस्पिटल बन चुका है एवं आपरेशन के बाद मरीज के हालत में काफी सुधार है।ऋषिकेश के पैनेसिया अस्पताल में डॉ. संजय चौधरी के नेतृत्व में न्यूरोसर्जरी टीम द्वारा ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। डॉ. संजय चौधरी ने बताया कि मस्तिष्क के बाई ओर का हिस्सा अधिक महत्वपूर्ण है ,जोकि हमारे शरीर के 95 प्रतिशत के हिस्सा को नियंत्रित करता है , और इस रोगी में जहां भाषण नियंत्रण किया जाता है उसी हिस्से में ट्यूमर था। आपरेशन के बात मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है । मरीज का ब्रेन ट्यूमर निकालने के लिए चार घंटे तक सर्जरी की गई। ऋषिकेश के पैनेसिया अस्पताल में डॉ. संजय चौधरी ने कहा कि चार घंटे की सर्जरी में एक हाई-एंड ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप का उपयोग शामिल था, जो जटिल ब्रेन की सर्जरी में सहायक होता है , इस तरह की सर्जरी देश भर में अत्याधुनिक केंद्रों पर की जा सकती है और इसके लिए उच्च स्तरीय न्यूरो-सर्जिकल विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। जांच कराने पर डायग्नोस्टिक रिपोर्ट्स ने ब्रेन के स्पीच एरिया में ब्रेन ट्यूमर डायग्नोसिस की पुष्टि की। ब्रेन के स्पीच एरिया में ब्रेन ट्यूमर ऐसी जटिल जगह पर था कि सर्जरी से मरीज की बोलने की क्षमता जा सकती थी और लकवा होने का भी खतरा था।, न्यूरोसर्जन डॉ. संजय चौधरी के नेतृत्व में न्यूरो सर्जरी टीम ने मरीज के ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी कर दी। ऋषिकेश में 50 साल के राम प्रकाश मिश्रा 2 साल से सिरदर्द और मिर्गी के दौरा की शिकायत के साथ गंभीर अवव्स्ता में हॉस्पिटल लाया गया। जांच के बाद जो सामने आया उसे सुनकर हर किसी को हैरानी हुई। दरअसल, राम प्रकाश मिश्रा के दिमाग में 5.5 सेंटीमीटर के आकार का ट्यूमर होने का पता चला। राम प्रकाश मिश्रा के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कुल चार घंटे तक चला।राम प्रकाश मिश्रा सबसे पहले सिरदर्द की शिकायत के साथ हॉस्पिटल पहुंचे । वहां सीटी स्कैन कराने के बाद ट्यूमर का पता नहीं चला था। हल्के सिरदर्द से परेशान राम प्रकाश ने इसके बाद पैनेसिया अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विशेषज्ञों से संपर्क किया। वहां राम प्रकाश की एमआरआई जांच कराई गई। जांच में यह पता चला कि मरीज के मस्तिष्क में 5.5 सेंटीमीटर के आकार का ट्यूमर है। मरीज और उसके घर वालो को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उसका 2 साल से सिरदर्द ट्यूमर का संकेत है। हॉस्पिटल के एक बयान के मुताबिक, मरीज को लगातार मिर्गी के दौरे के साथ अस्पताल लाया गया न्यूरोलॉजिकल एग्जामिनेशन में मैरिज पूरी तरह से अपने होसो हवास में नहीं था, बोल पाने में दिकत और सीधे हाथ पैर के ताकत में कमी पाई गई इसके बाद तुरंत इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गयास लगातार आ रहे मिर्गी के दौरे को देखते हुए मरीज को दो दिन आईसीयू में भी रखा गया बी पी कंट्रोल होने के बाद न्यूरो सर्जरी विभाग ने ओटी का प्लान किया।
अब ब्रेन ट्यूमर जैसे जटिल ऑपरेशन के लिए दिल्ली या चंडीगढ़ जाने की आवश्यकता नहीं
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