Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डमद्महेश्व के कपाट 22 नवंबर व तुंगनाथ 30 अक्टूबर को होंगें बंद

मद्महेश्व के कपाट 22 नवंबर व तुंगनाथ 30 अक्टूबर को होंगें बंद

-विजयदशमी के अवसर पर हुई कपाट बंद होने की तिथि तय

रूद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे अपराह्न शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों- कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गई। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है।

कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। 25 नवंबर को चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। वहीं 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा।

तुंगनाथ की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा 1 नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेंगी।

इस अवसर पर वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी गंगाधर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments