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Tuesday, November 26, 2024
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चारधाम दर्शन की तर्ज पर सैन्यधाम को देखने आएंगे लोग: गणेश जोशी

देहरादून: सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान देहरादून में बनने जा रहे सैन्यधाम के निर्माण की प्रगति, दृष्टि पत्र 2022 में रखे गए विभागीय बिन्दुओं के क्रियान्वयन। सैन्य विश्राम गृहों के जीर्णोधार तथा सैनिक आश्रितों एवं पूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण सहयोग की रूपरेखा तथा शासन स्तर पर लम्बित प्रकरणों पर चर्चा की गई तथा कैबिनेट मंत्री द्वारा निर्देश दिए।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सैन्यधाम को इस प्रकार से बनाया जा रहा है, जैसे चारधाम देखने के लिए पूरे देश से लोग आते हैं, उसी प्रकार सैन्यधाम को देखने के लिए भी लोग आएं। इस पुनीत कार्य हेतु विभिन्न संस्थाएं सहयोग के लिए आगे आ रही हैं। इसी कड़ी में सैन्यधाम के मुख्यद्वार जो कि सीडीएस विपिन रावत जी के नाम पर बनाया जाना है, के निर्माण में सहयोग करने के लिए हंस फाउण्डेशन सामने आया है।

जोशी ने कहा कि हमारे सैनिक जब छुट्टी आते हैं तो अपने परिवार के साथ सैनिक विश्राम गृहों में रूकने आते हैं। परंतु इन विश्राम गृहों की स्थिति इतनी दयनीय है कि कोई यहां रूकना नहीं चाहता। इसलिए राज्य के समस्त 36 विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार अथवा जहां नए भवन बनाए जाने हैं वहां नए भवन का आंकलन तैयार किया जाए। प्राथमिकता पर रेल हैड के नगरों के विश्रामगृहों को लिया जाए। टनकपुर में सिर्फ एक कमरे में सैनिक विश्राम गृह संचालित हो रहा है। इसलिए मैंने निर्देश दिया है कि टनकपुर में एक भव्य सैनिक विश्राम गृह बनाने के लिए तत्काल प्रस्ताव बना कर प्रस्तुत किया जाए। छुट्टी आनेवाले सैनिक को लगना चाहिए कि सरकार उनका ध्यान रख रही है।

प्रयास किया जा रहा है कि उपनल निधि का उपयोग कर पूर्व सैनिकों के होनहार बच्चों को भागेदारी के आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु सहयोग प्रदान किया जाए। इसी प्रकार पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु कृषि, उद्यान विभाग तथा ऑर्गेनिक बोर्ड की योजनाओं का भी लाभ दिलाते हुए उद्यमिता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाए। सैनिक भर्ती के लिए पर्वतीय नगरों, कुमांऊ में अल्मोड़ा तथा गढ़वाल में श्रीनगर में प्रशिक्षण केन्द्र विकसित किए जाएं।

बैठक में मे.ज. सम्मी सबरवाल (से.नि.), चन्द्र सिंह धर्मशत्तु, अपर सचिव, सैनिक कल्याण, ले. कर्नल बी. एस. रावत (से.नि.), निदेशक सैनिक कल्याण तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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