Latest news
लोक निर्माण विभाग का सहायक अभियंता 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार मुख्य सचिव ने पूंजी निवेश 2024-25 के लिए राज्य की विशेष सहायता योजना की समीक्षा की उच्च शिक्षा में 108 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मिलेगी शीघ्र तैनातीः डा. धन सिंह रावत राज्यपाल ने हिमाचल में बागवानी और आपदा प्रबंधन के प्रयासों की जानकारी ली टीएचडीसी में स्वच्छता ही सेवा का आयोजन हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज
Saturday, September 21, 2024
Homeउत्तराखण्डशीत लहर के चलते चरवाहों ने किया निचली घाटी का रुख

शीत लहर के चलते चरवाहों ने किया निचली घाटी का रुख

बागेश्वर: उच्च हिमालयी बुग्यालों में बढ़ती ठंड के चलते दानपुर घाटी के चरवाहे अपनी भेड़-बकरियों के साथ ग्रीष्म कालीन ऊंचे पठारी चुगान क्षेत्रों से नीचे लौटने शुरू हो गए हैं। ऊपरी हिमालयी बुग्यालों के धुरों में सीजन का पहला हल्का हिमपात भी हुआ है। शीत लहर का प्रकोप बढ़ गया है, जिसके चलते अनवाल अपनी जीवन पूंजी भेड़ बकरियों को निचली घाटी की ओर रुख कर दिया।

आज के आधुनिक युग में भी क्षेत्र के कुछ लोग अपने पुश्तैनी भेड़ पालन व्यवसाय को पकड़े हुए हैं। बारमासी संघर्ष के बाद भी आज यही एकमात्र आजीविका का साधन सीमांत के लोगों का बना हुआ है। पहाड़ों में चरवाहों का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं होता। अब चरवाहे शेष शीतकाल के लिए तराई भाबर के गर्म क्षेत्रों में रहेंगे और गर्मी आने पर फिर से उच्च हिमालय की ओर रुख करेंगे। बता दें कि दानपुर घाटी के लगभग 300 परिवारों की आजीविका का मुख्य साधन भेड़ पालन है।

बागेश्वर के जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल के अनुसार,  मौसम का अलर्ट पशुपालन और संबंधित विभाग को समय-समय पर दिया जाता है। वह चरवाहों तक सूचना पहुंचाने का काम करते हैं। 15 नवंबर के बाद हिमालयी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं होती है। रुक-रुक कर हिमपात होने लगता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments