Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डसिलक्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर...

सिलक्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दीः नेता प्रतिपक्ष

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि, सिलक्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह से देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे पर अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी उन्होंने कहा कि देश के 42 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नही होनी चाहिए।
       नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की बहुमूल्य जानें सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं और अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैँ। उन्होंने कहा कि, सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं ? अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले बिभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
       नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि, इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। जबकि परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था।
     नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है इसलिए व सिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं । उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार को बेहद संवेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि, यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता  का नतीजा है। कल नेता प्रतिपक्ष सिलक्यारा जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments