Latest news
सरकारी सेवाओं में खाली पदों को भरना सरकार की प्राथमिकताः धामी राष्ट्र निर्माण में कोर विश्वविद्यालय की अहम भूमिकाः राज्यपाल कांग्रेस गिरगिट की तरह रंग बदलने वाली पार्टीः कल्पना सैनी स्कूलों की स्थिति सुधारने का डीएम देहरादून ने उठाया बीड़ा ग्राम पंचायत गंधारी में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित हुई ग्राम चौपाल सीएम ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में मत्था टेका सीएम ने जनसमस्याएं सुनीं, निस्तारण के अधिकारियों को दिए निर्देश डीएम ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य एवं सर्वेक्षण कर रहे सामाजिक संगठन, स्वयं सहायता समूह को प्रशासन... राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान में फ्राड करने वाले अस्पतालों पर कसी नकेल जब तक खुदी सड़कें दुरूस्त नहीं करते, तब तक किसी कार्यदायी संस्था को नए खुदान की अनुमति नहींः डीएम
Sunday, September 22, 2024
Homeउत्तराखण्डमहिला आरक्षण पर धामी सरकार एक्शन मोड में, सुप्रीम कोर्ट में जल्द...

महिला आरक्षण पर धामी सरकार एक्शन मोड में, सुप्रीम कोर्ट में जल्द की जाएगी एसएलपी दायर

देहरादून: महिला आरक्षण को लेकर विवाद मे हाईकोर्ट की रोक के बाद से सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गये थे I जिसके बाद अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है I जिसको लेकर उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने की तैयारी कर रही है I

पंजाब, मध्य प्रदेश राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का नियम है। पंजाब में 33 और बिहार में 35 फीसदी आरक्षण बताया जा रहा है। इन राज्यों सेे भी आरक्षण का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

साथ ही सरकार द्वारा अन्य राज्यों में महिलाओं को दिए गये आरक्षण का भी अध्ययन किया जाएगा। कार्मिक विभाग के एक अफसर ने बताया कि हाईकोर्ट के ताजा आदेश का न्याय विभाग से परीक्षण करा लिया गया है।

उत्तराखंड में लगभग आधे वोटर महिलाएं हैं, जो चुनावों में निर्णायक साबित होती हैं। लिहाजा, कोई भी राजनीतिक दल इस वर्ग को नाराज नहीं करना चाहता। इसलिए राज्य सरकार भी ठोस पैरवी के लिए प्रमाण जुटा रही है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष रिट याचिका दाखिल करने पर उच्चस्तर पर लगभग सहमति बन गई है। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है I ऐसे तथ्य जुटाए जा रहे हैं, जिससे यह बात पुष्ट हो सके कि उत्तराखंड में महिलाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण क्यों जरूरी है। इसके लिए सामाजिक, शैक्षिक और अन्य पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments