देहरादून। बहुचर्चित पाखरो सफारी घोटाले में आज आरोपितों में से एक लक्ष्मी राणा से ईडी के अधिकारियों द्वारा लंबी पूछताछ की गई जबकि गुरूवार को डा. हरक सिंह को भी ईडी कार्यालय में पेश होना था लेकिन वह नहीं आए। बताया जाता है कि उन्होंने राजनीतिक कामों में व्यस्तता का हवाला देकर बाद में आने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों ईडी द्वारा डा. हरक सिंह और वन विभाग के कुछ अधिकारियों सहित उनके कुछ सहयोगियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें 110 करोड़ की नगदी और कई जमीनों की खरीद फरोख्त के कागजात तथा करोड़ों की ज्वेलरी और विदेशी मुद्रा ईडी ने बरामद की थी। करोड़ों रुपए के घोटाले का यह मामला 2019-20 का है तथा उस समय डा. हरक सिंह भाजपा सरकार में वन मंत्री थे।
उल्लेखनीय है कि बीते कल ईडी ने वन विभाग के अधिकारी सुशांत पटनायक से पूछताछ की थी। इस छापेमारी में सबसे अधिक रकम उनके ही घर से बरामद हुई थी। छापेमारी की जद में उत्तरकाशी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी आ गई थी, जिन्हें डा. हरक सिंह का करीबी बताया जाता है। उनके ठिकानों से ईडी को 45 लाख रुपए की ज्वेलरी आदि बरामद हुई थी। लक्ष्मी राणा आज सुबह 10 बजे ईडी के कार्यालय पहुंची जहां ईडी के अधिकारियों द्वारा उनके पास से बरामद संपत्ति को लेकर लंबी पूछताछ की गई। समाचार लिखे जाने तक यह पूछताछ जारी थी।
उधर हरक सिंह जिन्हें ईडी ने समन भेज कर आज ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके द्वारा दिल्ली में राजनीतिक कार्यों में व्यस्तता का हवाला देकर बाद में पेश होने की बात कही गई है। उनका निजी फोन भी बीते दो दिनों से बंद है। वह अब कब ईडी के कार्यालय में पेश होंगे इसकी कोई तारीख तय नहीं है।
ईडी ने की लक्ष्मी राणा से लंबी पूछताछ
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