हल्द्वानी। नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार में मजदूरों को ईंट-भट्ठे पर बंधक बनाकर रखे जाने के मामले को बेहत गंभीर माना है। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गृह सचिव से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जिन 37 मजदूरों को मुक्त कराया गया है, उन्हें क्या सुविधाएं दी गईं हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सहारनपुर निवासी अनिल कुमार ने याचिका में कहा था कि हिमालया ब्रिक फील्ड गुरुकुल नारसन रोड ग्राम टिकोला काला तहसील रुड़की के मालिक विजय पॉल व पॉन्टी ने 45 मजदूरों को ईंट-भट्ठे पर बंधक बनाकर रखा है। जब इस प्रकरण पर सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 37 मजदूरों को मुक्त करा लिया गया है तो कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए गृह सचिव को दो सप्ताह में यह बताने के लिए कहा है कि प्रदेश में पिछले पांच साल में विजिलेंस की कौन-कौन सी कमेटियां बनाई गईं हैं और इन कमेटियों ने क्या कार्रवाई की है। हाईकोर्ट ने यह भी बताने के निर्देश दिए हैं कि मुक्त कराए गए बधुआ मजदूरों को क्या-क्या सुविधाएं दी गईं हैं।
हाईकोर्ट ने मजदूरों को ईंट-भट्ठे पर बंधक बनाकर रखे जाने के मामले में गृह सचिव से जवाब तलब किया
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