देहरादून। धेनुमानस गौकथा में पूज्य गोपाल मणि महाराज जी द्वारा कहा गया कि यदि सनातन धर्म को बचाना है तो गौ व कन्या के रक्षा अति अनिवार्य है, सावित्री व सत्यवान की कथा के माध्यम से सच्ची निष्ठा रखने की बात कही गई।जीवन के कल्याण हेतु गाय व बैल के पीछे खड़े रहने का संकल्प दिलवाया। सती व शिव जी की कथा के माध्यम से कन्या का अपमान करने पर दक्ष प्रजापति की स्थिति को समझाया व कभी भी किसी की निंदा नहीं करनी चाहिये
भारतीय गौक्रान्ति मंच के बैनर तले गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन के ध्वजवाहक संत गोपाल मणि महाराज जी के सानिध्य में चल रही गौकथा में कहा कि हमारे संकल्प पर सनातन धर्म की चारों पीठ के शंकराचार्यों ने अपनी मोहर लगा दी है और अब यह संकल्प प्रत्येक सनातन प्रेमी हिन्दू का संकल्प है प्रत्येक व्यक्ति को गौमाता को राष्ट्रमाता के पद पर प्रतिष्ठित करवाने के लिए एक मंच पर आना चाहिए और देश की सरकार को करोड़ों सनातन प्रेमी जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शीघ्र गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक दर्जा देना चाहिए संत गोपाल मणि महाराज ने आगे कहा कि जब तक गाय को हम पशु की दृष्टि से देखेंगे तब तक इस देश का कल्याण नहीं हो सकता इसलिए गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान देना आवश्यक है क्योंकि गाय माँ है और माँ को पशु की दृष्टि से देखना उसकी हत्या के बराबर ही है..भारत की आत्मा है गाय भारत की अस्मिता है गाय भारत की आत्मा है गाय मणि महाराज ने आगे कहा कि आज पूरे देश में लहर बन चुकी है देश का प्रत्येक जनमानस गाय को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित होना देखना चाहता है यह कथा सात दिनों तक चलेगी इस अवसर पर मनोहर लाल जुयाल बलवीर सिंह पंवार सूर्यकांत धस्माना शूरवीर सिंह मतुड़ा यशवंत सिंह रावत आनन्द सिंह रावत डॉ सीता जुयाल डॉ राकेश मोहन नॉटियाल कामनी मोहन तेजराम सूरतराम डंगवार देवेंद्र पाल सिंह ऋषिराज उनियाल आचार्य राकेश रविन्द्र राणा बृजलाल रतूड़ी सहित मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे हैं ।
गौमाता को राष्ट्रमाता के पद पर प्रतिष्ठा दिलवाने को देहरादून में प्रारंभ हुई भव्य गौकथा
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