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Wednesday, November 6, 2024
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हरदा का मौन उपवास और आशीर्वाद कामना ढोंगः चौहान

देहरादून। भाजपा ने हरदा के मौन उपवास और बाबा केदार से कांग्रेसियों की आशीर्वाद कामना को ढोंग करार दिया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत के उपवास को ढोंग बताया, वहीं श्री केदारनाथ धाम की छवि खराब करने वाले षड्यंत्रकारी कांग्रेस नेताओं का बाबा से चुनाव में आशीर्वाद की कामना को सनातन प्रेमी जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश बताया।
उन्होंने पंचतंत्र की कहानी का जिक्र करते हुए तंज किया जिस तरह एक बगुला राम राम करते हुए पानी के मध्य तपस्या करने का ढोंग करता था, ठीक उसी तरह आज सनातन विरोधी पाप के दागों वाली दुशाला ओढ कर कांग्रेसी बांग्लादेशी हिन्दुओं पर अत्याचार पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। इससे पहले बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान आदि तमाम इंडी शासित राज्यों में हिंदुओं के साथ अमानवीय घटनाएं हुई, लेकिन हरदा के मुंह से कभी दो शब्द नहीं निकले। जब हल्द्वानी में दंगे कराने की साजिश हुई तो वे आरोपियों पर हुई कार्यवाही पर दुख जता रहे थे और गौकशी करने वालों के साथ हरिद्वार में खड़े थे। उन्होंने कहा कि उन्हे पहाड़ की बहिन बेटियों के साथ छल करने वाले समुदाय विशेष पर हुई कार्यवाही से धर्मनिरपेक्षता खतरे में दिखाई देती है तो वहीं यूसीसी लागू करने से उनको अपनी तुष्टिकरण की राजनीति खतरे में दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को धर्मांतरण कानून से उन्हें परहेज है, क्योंकि उससे हिंदुओं की सुरक्षा होती है। वह नहीं चाहते कि देवभूमि का स्वरूप बना रहे, तभी अवैध धार्मिक कब्जों पर कार्यवाही का हमेशा विरोध करते हैं। केदारघाटी और अन्य स्थानों पर जब ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा के लिए रोकथाम के प्रयास किए तो उन्हें बाहरी अपराधी तत्वों के व्यापार की चिंता थी। वहीं कांग्रेस पार्टी सार्वजनिक रूप से केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों का विरोध करती है और अध्यक्ष तो कार्यों को रोकने के लिए न्यायालय तक जाने की धमकी दे रहे हैं। पार्टी के नेता हमेशा झूठे आरोप लगाकर केदार धाम की छवि खराब करने का षड्यंत्र करते रहे है। आज वही कांग्रेस नेता बाबा केदार से जीत के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं । लेकिन बाबा और बाबा के भक्त कांग्रेस नेताओं जैसे बगुला भगत को पहचानते हैं, लिहाजा उनको अपने पापों की सजा मिलनी तय है।

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