रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंच रहे किसी तीर्थ यात्री का स्वास्थ्य खराब होने एवं घायल होने की स्थिति में केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें देवदूत बनी हैं, जो बीमार एवं घायल व्यक्तियों को तत्काल यात्रा मार्ग में तैनात की गई एमआरपी में उपचार हेतु पहुंचाया ही नहीं जा रहा है बल्कि उनके जीवन को भी बचाया जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि सेक्टर अधिकारी भीमबली ने अवगत कराया है कि छोटी लिनचोली में एक यात्री का स्वास्थ्य अति खराब है जो चलने में असमर्थ है। सूचना मिलते ही यात्रा पड़ाव भीमबली में तैनात डीडीआरएफ की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुंचकर घायल यात्री को एमआरपी छोटी लिनचोली से एमआरपी भीमबली लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद यात्री को गौरीकुंड के लिए रैफर किया गया तथा डीडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा उपचार हेतु गौरीकुंड लाया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि उक्त यात्री की स्थिति सामान्य है। भैंरों मंदिर के पास एक यात्री की अचानक तबियत खराब होने पर डीडीआरएफ की टीम जंगलचट्टी द्वारा यात्री का रेस्क्यू कर गौरीकुंड अस्पपाल उपचार हेतु पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गौरीकुंड गेट के ऊपर किसी यात्री द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला यात्री केदारनाथ दर्शन करने घोड़े से जा रही थी महिला यात्री घोडे़ से गिरने के कारण घायल हो गई जिसे सूचना प्राप्त होते ही डीडीआरएफ की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर उक्त महिला (शकुतंला देवी उम्र 65 वर्ष निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश) को स्ट्रेचर के माध्यम से गौरीकुंड लाया गया। जिसका चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार करने के बाद महिला को सोनप्रयाग चिकित्सालय के लिए रैफर किया गया।
उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि थारू कैंप के पास घोड़े की टक्कर से एक यात्री के घायल होने पर छोटी लिनचोली आरएमपी ले जाया गया जहां उसे त्वरित उपचार दिलाया गया। व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक है। यात्रा मार्ग में तैनात सभी सुरक्षा बल की टीमें अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी कुशलता से करते हुए बीमार एवं घायल यात्रियों को सूचना प्राप्त होते ही तत्काल उपचार हेतु नजदीकी एमआरपी में पहुंचाकर यात्रियों को त्वरित गति से उपचार दिलाते हुए उनकी जान को बचाया जा रहा है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें बनी हैं देवदूत
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