जोशीमठ। बदरीनाथ यात्रा के सफलता एवं कुशलता हेतु नृसिंह मंदिर जोशीमठ में तिमुंडिया मंदिर में पूजा संपन्न हुई। पूजा-अर्चना के बाद तिमुंडिया वीर का आह्वान हुआ भरत बैंजवाड़ी पर पश्वा (अवतारी पुरूष) तिमुंडिया वीर जागृत हुआ। उन्होंने पांच किलो से अधिक चावल-गुड़ कई घड़े पानी का भोग गृहण किया यह देखकर सभी श्रद्धालु अचंभित रह गये। पश्वा ने श्री बदरीविशाल यात्रा के निविघ्न शुरू होने का भी आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 12 मई को प्रातः 6 बजे खुल रहे हैं। अपराह्न ढ़ाई बजे से श्री नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया पूजा शुरू हुई जो देर शाम को संपन्न हुई। मान्यता है कि मां दुर्गा से स्थानीय लोगों ने तिमुंडिया के भय से बचाने की प्रार्थना की तो मां दुर्गा ने उसके तीन में से दो सिर काट दिये डर के मारे एक सिर का तिमुंडिया छमा याचनाकर मां दुर्गा की शरण में चला गया।
मां दुर्गा ने तिमुंडिया को क्षमा कर दिया वचन लिया कि तुम किसी भी आमजन को दुरूखी नहीं करोगे। बाद में मां दुर्गा ने आशीर्वाद दिया कि जब भी श्री बदरीनाथ धाम यात्रा शुरू होगी उससे पहले श्री नृसिंह मंदिर मठांगण में तिमुंडिया की पूजा की जायेगी इसी मान्यता के तहत हर वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले शनिवार को तिमुंडिया पूजा होती है।
तिमुंडिया पूजा के अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, डीजीसी प्रकाश भंडारी, भाजपा नेता सुभाष डिमरी, मंदिर समिति पूर्व सदस्य ऋषि प्रसाद सती मंदिर समिति पूर्व सदस्य नरेश नौटियाल, देवपुजाई समिति अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदरी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चैहान, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चैहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ठ एवं विवेक थपलियाल सतीश भट्ट,अनिल नंबूरी,गौरव नंबूरी, गोविंद भट्ट, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी,पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, सुशील डिमरी, रामप्रसाद थपलियाल, लेखाकार भूपेंद्र रावत, प्रबंधक भूपेंद्र राणा प्रबंधक अजय सती, अनसुइया नौटियाल अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे।
बदरीनाथ धाम यात्रा के शुभ शुरूआत को संपन्न हुई वीर तिमुंडिया पूजा
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