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Saturday, April 19, 2025
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तीमारदारों की परेशानी दूर, अगले माह से जिला चिकित्सालय में तैनात रहेगा ‘‘रक्त गरूड़’’, ब्लड  लेने में तीमारदारों को होगी सुविधाः डीएम

देहरादून।  जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट परिसर में चिकित्सा प्रबंधन समिति राजकीय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून की संचालक मंडल की प्रथम त्रैमासिक बैठक संपन्न हुई। जिसमें अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई नए प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष का आय व्यय विवरण और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यों के बजट का अनुमोदन भी किया गया।
जिला चिकित्सालय में तीमारदारों की परेशानी दूर, अगले माह से जिला चिकित्सालय में तैनात रहेगा ‘‘रक्त गरूड़’’, ब्लड  लेने में तीमारदारों को होगी सुविधा मिलेगी। अब कोरोनेशन में ठेके का खाना बंद, हिलांस कैन्टीन के माध्यम से  मरीजों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार, महिला एसएचजी के माध्यम से संचालित होगा किचन इसके लिए डीएम ने सीडीओ को व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है। हिलांस कैन्टीन व ब्लड बैंक निर्माण दु्रत गति से जारी है जल्द ही इन कार्यों का उद्घाटन होगा।  साथ ही जिला चिकित्सालय में नवजात शिशुओं के लिए डीएम द्वारा हॉल ही में परिचालित 06 बैडेड एसएनसीयू को जस्ट डबल 12 बैड करने के भी निर्देश दिए हैं। डीएम ने अस्पताल से प्रसव में रेफरल के अधिक प्रतिशत् पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मसूरी में गायनी व कोरोनोशन में निश्चेतक के क्रियाक्लाप की विस्तृत जांच के आदेश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए। अस्पताल में फार्मासिस्ट की आवश्यकता, डीएम ने आउटसोर्स से की तत्काल व्यवस्था। जिला अस्पताल में मरीजों को मिले बेहतर सुविधा, तीमारदारों का न हो परेशानी डीएम दिए सख्त निर्देश।
जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून में मरीजों के तीमारदारों को दूसरे अस्पताल से ब्लड एवं दवाइयों को लाने में वाहन न मिलने से हो रही परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को अटल आयुष्मान से तत्काल एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीद करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि यह वाहन सिर्फ मरीजों के साथ आए तीमारदारों को दूसरे अस्पताल से ब्लड एवं आवश्यक दवा लाने के लिए कम से कम चार्जेज पर उपलब्ध रहेगा। उन्होंने पीआरडी से वाहन चालक की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
जिला चिकित्सालय देहरादून में मरीजों को अब भोजन में गुणवत्ता युक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध होगा। भोजन की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलाधिकारी ने अस्पताल में ही स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किचन संचालन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सीडीओ को किचन का डिजाइन करने और एक माह में एसओपी तैयार करते हुए इसका संचालन शीघ्र शुरू करने को कहा। एसएचजी के माध्यम से किचन संचालन से जहां मरीजों को स्वच्छ पौष्टिक आहार मिलेगा वही एसएचजी महिलाओं की आर्थिकी भी सुदृढ होगी।
चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के प्रसव में रेफरल का प्रतिशत अधिक होने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। जिलाधिकारी ने सीएमओ और एसीएमओ को अस्पताल से प्रसव केसों में रेफरल मामलों की बारीकी से जांच करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में गायनोलॉजिस्ट एवं स्पेशल न्यू र्बाेन केयर यूनिट (एसएनसीयू) सुविधा के बावजूद भी प्रसव मामलों में रेफरल प्रतिशत अधिक होना संतोषजनक नही है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इसमें सुधार लाने की सख्त हिदायत दी।
अस्पताल के पुराने भवन के लिए बन रहे नए एसटीपी में एनएचएम से धनराशि स्वीकृति मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्यदायी संस्था नामित करने के लिए प्रस्ताव शासन भेजे जाने पर जिलाधिकारी ने कहा कि यदि जिला स्तर से कार्यदायी संस्था नामित की जा सकती है, तो ब्लड बैंक निर्माण का काम कर रही संस्था को ही कार्यदायी संस्था नामित करते हुए तत्काल एसटीपी का काम शुरू कराया जाए और शासन को इससे अवगत कराया जाए।
जिला चिकित्सालय देहरादून में फार्मासिस्ट एवं फिजीशियन की आवश्यकता को देखते हुए जिलाधिकारी ने आउटसोर्स एजेंसी से दो फार्मासिस्ट रखने की स्वीकृति एवं महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय से फिजिशियन को जिला अस्पताल में तैनाती के निर्देश।
जिलाधिकारी ने कहा कि समिति के सदस्य समय समय पर अस्पताल व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें और चिकित्सा सुविधाओं में आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपने सुझाव दें। ताकि अस्पताल में मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। इस दौरान जिलाधिकारी ने अस्पताल में निर्माणाधीन ब्लड बैंक, हिलांस कैंटीन, ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर, वार्ड, लाइब्रेरी कॉनर्र, बाल चिकित्सा वार्ड, बर्न वार्ड, सभाकक्ष आदि कार्याे की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने चिकित्सा प्रबंधन समिति के समक्ष आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया। बताया कि विगत माह अप्रैल 2024 से माह मार्च 2025 तक 14.07 करोड़ की आय और चिकित्सा व्यवस्थाओं के संचालन में 13.82  करोड़ का व्यय हुआ है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न उपकरण, सामग्री, अनुरक्षण आदि मदों में प्रस्तावित अनुमानित व्यय 9.07 करोड़ की धनराशि का समिति द्वारा अनुमोदन किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष के लिए कोरोनेशन चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग से तैनात कार्मिकों के मानदेय के लिए 94.99 लाख अनुमानित बजट की स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप जिलाधिकारी हरिगिरी, सीएमओ डा0 मनोज कुमार,  सीटीओ नीता भण्डारी, पीएमएस डा0 वीएस चौहान, डा0 जेपी नौटियाल, रश्मि थपलियाल, सदस्य मा0 सासद प्रतिनिधि विनोद खण्डूड़ी,  मनोज सकलानी, राजेन्द्र दत्त विजलवाण, राकेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

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