Latest news
पुलिस अधिकारियों के बंपर तबादले ”युवा महोत्सव” का रंगारंग आगाज, मुख्यमंत्री धामी संग खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया शुभारंभ रुड़की के माधोपुर गांव में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष, 6 लोग घायल, दो की हालत गंभीर राज्य स्थापना दिवस पर बेरोजगारों का हल्ला बोल गौ को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए संत ग़ोपाल मणि महाराज निकले एक और ऐतिहासिक यात्रा पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोगदंडे ने लिया कमिशनिंग कार्यों का जायजा जी.आर.डी के पांच छात्रों को मिलेंगे उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में मेडल सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन की बैठक आयोजित युवा महोत्सव 9 से 14 नवंबर तक देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में चलेगा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर शिवसेना ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

[t4b-ticker]

Sunday, November 10, 2024
Homeअंतर राष्ट्रीय11 देशों में मिले मंकीपाक्स के मामले

11 देशों में मिले मंकीपाक्स के मामले

देहरादून: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 देशों में मंकीपाक्स के 80 मामलों की पुष्टि की है। इस नई बीमारी को लेकर संगठन रिसर्च कर रहा है ताकि इसके पीछे के कारणों के साथ होने वाले जोखिमों का पता लगाया जा सके। गुरुवार को जारी बयान में डब्‍ल्‍यूएचओ ने कहा कि यह वायरस एंडेमिक यानि स्थानीय स्तर का है जो कुछ देशों के जानवरों में मौजूद है। इससे स्थानीय पर्यटकों व लोगों के बीच ही यह संक्रमण फैलता है।

हालांकि शुक्रवार को भारतीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए है। जिसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है। बता दें कि एंडेमिक के तहत आने वाली महामारी की पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं होती लेकिन यह संक्रमण अधिक नहीं फैलता। डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार इस स्थिति में लोगों को हमेशा के लिए उसी संक्रमण के साथ जीना पड़ता है।

मंकीपाक्स पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में देखा गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन हैं पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी। यूके में मिले संक्रमित रोगियों में से दो ने नाइजीरिया से यात्रा की थी। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि ये पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि मंकीपाक्स चेचक वायरस परिवार से संबंधित है।

मंकीपाक्स के संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद मरीज में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती के लक्षण दिखते हैं। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments