Latest news
धामी ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर किया सैनिकों का सम्मान राज्यपाल के समक्ष दिया शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतिकरण जनहित की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने की जरूरतः कंडवाल हिमज्योति स्कूल में ग्रामीण बच्चों के बने आयुष्मान व आभा आईडी मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर ग्राउंड जीरो पर व्यवस्थाओं की जांच में जुटे अधिकारी मुख्यमंत्री ने खटीमा में 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए किया भूमि पूजन ऑटिज्म जागरूकता माह पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने किया कार्यशाला का आयोजन एलटी संवर्ग के 366 शिक्षकों का हुआ अंतरमण्डलीय स्थानांतरण सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए यात्रा से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की ... मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वित्त सचिव सहित विभिन्न मंत्रालयों के उच्चाधिकारियों से की मुलाकात

[t4b-ticker]

Thursday, April 10, 2025
Homeउत्तराखण्डप्रदेश में क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट में मिल सकती है छुट

प्रदेश में क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट में मिल सकती है छुट

देहरादून: प्रदेश सरकार क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट (नैदानिक स्थापना अधिनियम) में छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम को राहत दी जा सकती है। एक्ट में छूट देने के लिए सरकार ने केंद्र से सुझाव मांगा था। इस पर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अपने स्तर पर एक्ट में छूट देने की सहमति दी है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक्ट में छूट का खाका तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा। 50 बेड से कम नर्सिंग होम, अस्पताल और क्लीनिक को एक्ट से राहत मिल सकती है। केंद्र ने अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालन के लिए क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू किया है।

राज्य सरकार ने इस एक्ट को अपनाया है, जिससे छोटे अस्पतालों को एक्ट के मानकों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से कई बार एक्ट में छोटे अस्पतालों को छूट देने की सरकार से मांग की गई। 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी आईएमए को एक्ट में छूट देने का आश्वासन दिया था। एक्ट में छूट देने से पहले राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से चर्चा कर सुझाव मांगा था। केंद्र ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने स्तर पर एक्ट में संशोधन कर सकती है। 

आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. अजय खन्ना का कहना है कि 50 बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम को क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के मानकों को पूरा करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। आईएमए ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया है। एक्ट में 10 बेड से लेकर दो सौ बेड वाले अस्पतालों के लिए समान मानक हैं। 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments