Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डजोशीमठ भूधंसाव: अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की...

जोशीमठ भूधंसाव: अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की हुई बैठक

देहरादून: आपदा प्रबन्धन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में आज अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में बताया गया कि जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के कारण प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं विस्थापन के लिए जिलाधिकारी, चमोली द्वारा 03 विकल्प प्रस्तुत किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि पहले विकल्प में प्रभावित भू-भवन स्वामियों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुये वन टाईम सेटलमेन्ट किया जायेगा। प्रभावित हुए भूमि/भवन की क्षति के मुआवजे के रूप में वन टाइम सेटलमेन्ट करते हुए भूमि/भवन का निर्धारित मानकों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। सम्पूर्ण भुगतान करने से पूर्व संबधित प्रभावित की भूमि /भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी।

दूसरे विकल्प के तहत प्रभावित भू-भवन स्वामियों को प्रभावित भूमि के सापेक्ष गृह निर्माण के लिए निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी. तक की भूमि प्रदान की जायेगी तथा प्रभावित भवन का मुआवजा दिया जायेगा। प्रभावित भू-भवन स्वामियों को 100 वर्ग मी. से अधिक की भूमि होने पर शेष भूमि का मानकों के अनुसार भुगतान किया जायेगा। प्रभावित भूमि/भवन स्वामियों का संपूर्ण भुगतान करने से पूर्व व गृह निर्माण के लिये निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी. तक की भूमि आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी।

तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जायेगा। यदि प्रभावित आवासीय भवन/भूमि का मूल्यांकन प्रदान किये जा रहे भूमि/आवास से अधिक है तो शेष धनराशि का भुगतान प्रभावित को किया जायेगा। प्रभावित भूमि भवन के सापेक्ष अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी।

चमोली के जिलाधिकारी ने पुनर्वास के सम्बन्ध में प्रस्तावित उक्त तीन विकल्पों को उपयुक्त पाते हुए उक्त विकल्पों के सम्बन्ध में शासन स्तर पर माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने की संस्तुति की गयी है।

आपदा प्रबन्धन सचिव ने बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 67 एलपीएम हो गया है। क्षेत्र में दराग्रस्त भवनों की संख्या में वृद्धि नही हुई है। दरारग्रस्त भवनों की संख्या 863 ही है। जोशीमठ में 235 भूस्वामियों को 3.53 करोड़ रूपये की धनराशि तथा 121 किरायेदारों को 60.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में है। 253 परिवार सुरक्षा की दृष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 920 है। 43 प्रभावित परिवार अपने रिश्तेदारों या किराए के मकानों में चले गये है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अस्थायी रूप से चिन्ह्ति राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है| वहीं पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments