Latest news
हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज सरकारी विभागों में भर्ती के मामले में रिकॉर्ड रच रही धामी सरकार मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डपर्वतीय क्षेत्रों में छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को दिया जाय बढ़ावा: मुख्य...

पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को दिया जाय बढ़ावा: मुख्य सचिव

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने अधिकारियों के साथ खाद्य प्रसंस्करण संवर्धन रणनीति पर चर्चा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों से पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही।

बुधवार को सचिवालय में आयोजित चर्चा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विभिन्न उत्पाद यातायात सुविधाओं के अभाव या मार्गों के अवरुद्ध होने के कारण समय से बाजार में नहीं पहुंच पाते। इससे कृषकों को अत्यधिक नुकसान होता है। उन्होंने इसके लिए ऐसी पॉलिसी तैयार की बात कही जिससे खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सूक्ष्म श्रेणी के छोटे छोटे उद्योगों को अधिक से अधिक वेटेज मिल सके। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका हार्टिकल्चर विभाग को निभानी है। हार्टिकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को भी अपनी गतिविधियां बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग को आवश्यकता का समेकन और कच्चे माल के लिए खरीददार उपलब्ध कराए जाने की दिशा पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर अधिक फोकस किए जाने की भी बात कही ताकि रॉ मैटेरियल एक साथ एक जगह पर उपलब्ध हो सके। कहा इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा। उन्होंने योजना को सफल बनाने के लिए व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण किए जाने की भी बात कही। कहा कि उत्पाद को बढ़ावा देने से पहले उसके बाजार की व्यवस्था और किसानों और अन्य हितधारकों को भी विश्वास में लिया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं अपर सचिव रोहित मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments