देहरादून: उत्तराखंड के काबीना मंत्री चंदन राम दास का लंबे समय से बीमारी के चलते बुधवार को उनका निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पार्टी समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी चंदन राम दास के आकस्मिक निधन के समाचार से मै स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
चंदन राम दास का राजनीतिक सफर
चंदन राम दास का राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरुआत की। 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर भाजपा में शामिल हुए। 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चैथी बार विधायक चुने गए।