Latest news
मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण ऊर्जा निगम मुख्यालय पर रीजनल पार्टी ने किया प्रदर्शन सभी पुराणों ने गौ को माता का सम्मान दियाः ग़ोपाल मणि महाराज स्पीकर ने विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के दिए निर्देश खड़गे ने पत्र गलत पते पर भेजा, राहुल को समझाते तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आतीः महेंद्र भट्ट मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक मनीष थापा को श्रद्धांजलि अर्पित की उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डहिमालयन हॉस्पिटल ने लौटाई मासूम के माता पिता की आस

हिमालयन हॉस्पिटल ने लौटाई मासूम के माता पिता की आस

-हीमोफीलिया रोगी की आंख का किया सफल आपरेशन

-खून का थक्का न बनने की है बीमारी

डोईवाला: हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में हीमोफीलिया ए से पीड़ित बच्चे की आंख का मोतियाबिंद का सफल आपरेशन किया गया। बच्चा अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।

सितारगंज (उधमसिंहनगर) निवासी दो वर्षीय आदरिक को जन्म से ही मोतियाबिंद की शिकायत थी। साथ ही वह हीमोफीलिया ए से भी पीड़ित था। आदरिक के माता-पिता ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन वहां से उन्हें निराशा ही मिली। इसके बाद आदरिक के माता-पिता हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट आये। यहां वह वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. रेनू धस्माना से मिले और उन्हें बच्चे की स्थिति से अवगत कराया।

डॉ. रेनू धस्माना ने बच्चे की रिपोर्ट देखने के बाद माता पिता को बताया कि आपरेशन में जोखिम तो है क्योंकि बच्चा हीमोफीलिया से पीड़ित है। हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है। जिस कारण शरीर में रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और इस कारण से शरीर से बह रहा खून जल्दी नहीं रुक पाता है।

परिजनों की सहमति मिलने के बाद ऑन्को हिमेटोलॉजी की डॉ. आवृति की देखरेख में दवा के जरिये फैक्टर 8 की कमी को पूरा किया गया। इसके बाद डॉ. रेनू धस्माना के नेतृत्व में निश्चेतना विभाग से डॉ. वीना अस्थाना, डॉ. अमित, डॉ. कृतिका की टीम ने बच्चे की आंख का मोतियाबिंद का सफल आपरेशन किया।

आपरेशन के बाद बच्चे को कुछ दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया। बच्चे की स्थिति में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. रेनू धस्माना ने बताया कि हिमोफीलिया से पीड़ित में फैक्टर 8 की कमी होने के कारण रक्त का थक्का नहीं बन पाता। इसलिए कई बार सर्जरी करना जोखिमपूर्ण हो जाता है। लेकिन हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में ऐसे मरीजों की सर्जरी करने के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments