Latest news
हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज सरकारी विभागों में भर्ती के मामले में रिकॉर्ड रच रही धामी सरकार मुख्यमंत्री की टेढ़ी नजर से खुल गयी उत्तराखण्ड की बंद सड़कें उत्तराखण्ड से जल्द खुलेगा कैलाश यात्रा का रास्ता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में त्वरित होगा शिकायतों का निस्तारण गढ़ी कैंट में प्रदेश के सबसे बड़े सामुदायिक भवन का 15 जनवरी को किया जाएगा लोकार्पण
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डराष्ट्रीय लोक अदालत 9 सितंबर को

राष्ट्रीय लोक अदालत 9 सितंबर को

देहरादून। सचिव/वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून ने जानकारी देते हुए बताया है कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 09 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है, जिसमें अधिक से अधिक वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित किये जाने का लक्ष्य है जैसे-फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एन.आई. एक्ट से सम्बन्धित वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर सम्बन्धित वाद, वैवाहिक/कुटुम्ब न्यायालयों के वाद (विवाह विच्छेद को छोड़कर), श्रम सम्बन्धित वाद, भूमि अर्जन के बाद दीवानी याद, राजस्व सम्बन्धित वाद, विद्युत एवं जलकर बिलों के मामले (अशमनीय मामलों को छोड़कर), वेतन-भत्तों एवं सेवानिवृत्ति से सम्बन्धित वाद, धन से सम्बन्धित, अन्य ऐसे मामले जो सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित हो सके।
            उन्होंने बताया कि जो पक्षकार अपने वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाना चाहते है। यह सम्बंधित न्यायालय, जहाँ उनका मुकदमा लम्बित है में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थनापत्र देकर अपने बाद राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये नियत करवा सकते हैं। उक्त लोक अदालत में आपसी रजामन्दी से वादों का निस्तारण किया जाता है तथा काफी कम खर्चे व समय पर वाद निस्तारित हो जाते हैं, जिससे समाज का गरीब वर्ग भी अपने वादों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में निस्तारित कर लाभान्वित होते हैं। लोक अदालत में निस्तारित वादों में पक्षकारों को यह भी फायदा मिलता है कि न्याय शुल्क वापस हो जाता है तथा इसका फैसला अंतिम होता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments