Latest news
धामी ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर किया सैनिकों का सम्मान राज्यपाल के समक्ष दिया शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतिकरण जनहित की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने की जरूरतः कंडवाल हिमज्योति स्कूल में ग्रामीण बच्चों के बने आयुष्मान व आभा आईडी मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर ग्राउंड जीरो पर व्यवस्थाओं की जांच में जुटे अधिकारी मुख्यमंत्री ने खटीमा में 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए किया भूमि पूजन ऑटिज्म जागरूकता माह पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने किया कार्यशाला का आयोजन एलटी संवर्ग के 366 शिक्षकों का हुआ अंतरमण्डलीय स्थानांतरण सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए यात्रा से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की ... मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वित्त सचिव सहित विभिन्न मंत्रालयों के उच्चाधिकारियों से की मुलाकात

[t4b-ticker]

Thursday, April 10, 2025
Homeउत्तराखण्डमुख्य सचिव ने ली जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की बैठक

मुख्य सचिव ने ली जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की बैठक

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (सारा) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण मानसून सीजन के 3 महीनों में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाने के कारण किसी भी प्रयोग में नहीं आ पाता और पर्वतीय क्षेत्रों में बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है। मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी, साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों के जल स्रोतों एवं नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण एवं एक्टिव भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने सारा को चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। बिना समस्या वाले ऐसे स्थान जहां कम से कम तैयारी में तुरन्त कार्य शुरू किया जा सकता उनको प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगले 1 साल, 2 साल, 5 साल और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा प्रत्येक नदी के लिए अधिकारी नियुक्त कर ऐसे स्थानों को चिन्हित कर प्रदेश को सैचुरेट किया जाए जहां नदी की स्प्रिंग में चेक डैम बनाकर पानी का संग्रहण किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि सारा  के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेक डैम पर खर्च किया जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments