Latest news
मुख्य सचिव ने पूंजी निवेश 2024-25 के लिए राज्य की विशेष सहायता योजना की समीक्षा की उच्च शिक्षा में 108 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मिलेगी शीघ्र तैनातीः डा. धन सिंह रावत राज्यपाल ने हिमाचल में बागवानी और आपदा प्रबंधन के प्रयासों की जानकारी ली टीएचडीसी में स्वच्छता ही सेवा का आयोजन हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज सरकारी विभागों में भर्ती के मामले में रिकॉर्ड रच रही धामी सरकार
Friday, September 20, 2024
Homeउत्तराखण्डस्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों के माध्यम से स्टार्टअप...

स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के दिए निर्देश

देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड (एआईएफ) को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं जिनके माध्यम से उत्तराखण्ड की आर्थिकी पर ठोस सकारात्मक प्रभाव दिखे तथा राज्य में रोजगार सृजन, तकनीकी सांझेदारी तथा पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले। सीएस ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखण्ड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश हेतु चयनित किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर तथा उभरती हुई तकनीक में निवेश में रूचि रखते हो।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 200 करोड़ के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोशल वेंचर के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेषरूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन व प्रसंस्करण के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने पिरूल के उपयोग पर आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत सार्वजनिक निधि का लाभ उठाते हुए राज्य के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की आर्थिकी को फायदा पहुंचाने वाले स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। विदित है कि 200 करोड़ रूपये के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड में आईआईटी रूड़की तथा आईआईएम काशीपुर मुख्य ईकोसिस्टम पार्टनर हैं। उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत उत्तराखण्ड के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना, उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाने हेतु प्रोत्साहित करना तथा उत्तराखण्ड में सकारात्मक आर्थिकी एवं सामाजिक प्रभाव सृजित करना मुख्य उद्देश्य है। उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति 2023 के तहत राज्य को अगले 5 वर्षो में सभी ईकोसिस्टम प्लेयर्स के लिए स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स हैं। देहरादून जिले में सर्वाधिक 549 स्टार्टअप व 7 इन्क्यूबेटर्स, हरिद्वार में 200 स्टार्टअप एव उधमसिंह नगर में 112 स्टार्टअप हैं। उत्तराखण्ड राज्य वर्ष 2022 में एसआरएफ 21 रैंकिंग में एस्पायरिंग स्टेट से लीडिंग स्टेट की श्रेणी में आ गया था तथा राज्य वर्ष 2023 में 200 करोड़ के वेंचर फण्ड स्थापित करने व यू हब इनोवेशन सेन्टर घोषित होने के बाद अपने लीडर रैंक की श्रेणी को बनाए रखने में सफल रहा। गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के संचालन से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक में सचिव विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव रोहित मीणा, मनुज गोयल व उद्योग विभाग के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments