Latest news
टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग रू कीट ने भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनि... एफआरआई में पांच दिवसीय अल्प अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएम ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 95 शिकायतें हुई दर्ज कॉलेज से पासआउट 50 चिकित्सकों का पीजी कोर्स के लिये हुआ चयन राज्यपाल ने दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह का भ्रमण किया आईपीएस दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक आरडीएसएस योजना के तहत आरटी-डीएएस प्रणाली से होगी रियल टाइम में सब स्टेशनों की निगरानी मंत्री सुबोध उनियाल ने मालसी में देहरादून जू मालसी का अवलोकन किया उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार ...

[t4b-ticker]

Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डसभी तथ्यों पर विचार करने के पश्चात् लिया गया देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड...

सभी तथ्यों पर विचार करने के पश्चात् लिया गया देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड पर वापसी का फैसला: सीएम धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लिये जाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 4 जुलाई को प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में चारधाम से जुडे तीर्थ पुरोहित, रावल, पंडा समाज, हक हकूधारियों एवं जनप्रतिनिधियों के स्तर पर अलग अलग प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आयी। इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों पर विचार करने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा पूर्व सांसद मनोहर कान्त ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया, समिति द्वारा तीन माह में अपनी अन्तरिम रिपोर्ट राज्य सरकार को उपलब्ध कराने के साथ ही अन्तिम प्रत्यावेदन भी राज्य सरकार को उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का भी इसके लिये गठन किया गया। उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमण्डलीय उप समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चार धामो सहित अन्य स्थानों में सभी सम्बन्धित लोगों से परामर्श कर इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्था सम्पादित हो सके इसके प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही देश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाये इसके लिये राज्य सरकार सन्त समाज का भी सहयोग लेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में राज्य की आर्थिकी का भी ध्यान रखना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने अधिनियम वापस लिये जाने की घोषणा के साथ चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के साथ ही अन्य सम्बन्धित लोगों से अपना आन्दोलन वापस लेने का भी अनुरोध किया। उन्होंने सभी से चार धाम सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिये सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशकाल परिस्थिति के अनुसार सभी सम्बन्धित विषयों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्थायें बनाने का हमारा प्रयास रहेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments