देहरादून: केंद्रीय जहाजरानी, पोत तथा जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने पूर्वोत्तर भारत में आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल की है। आज गुवाहाटी में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में सर्बानंद सोणोवाल द्वारा उत्तर-पूर्व क्षेत्र के प्रथम, पंचकर्म केंद्रित ब्लॉक का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया गया। केन्द्रीय आयुष मंत्री ने आज एक फार्माकोलॉजी और जैव रसायन की अत्याधुनिक प्रयोगशाला का भी उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने गुवाहाटी के आजरा में बनने वाले एकीकृत आयुष वेलनेस सेंटर के साथ-साथ रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर होम्योपैथी (आरआरआईएच) के स्थायी परिसर का भी शिलान्यास किया। एकीकृत आयुष वेलनेस सेंटर देश में अपनी तरह का पहला केंद्र है।
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री, सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व में, पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को नया रूप दिया गया है, ताकि यह देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को मजबूती प्रदान कर सके। आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और सोवा रिग्पा जैसी चिकित्सा पद्धतियों के हमारे समृद्ध परिणामों को देखते हुए यह आवश्यक है कि उनके सदियों पुराने उपचारों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में शामिल किया जाए। इसके परिणामस्वरूप एक शक्तिशाली एकीकृत चिकित्सा होगी जो दोनों शारीरिक बीमारियों को ठीक करेगी और मानसिक कल्याण के लिए अवसर प्रदान करेगी। नए पंचकर्म ब्लॉक के साथ-साथ आयुष के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं ऐसे कदम हैं जो इस क्षेत्र में आयुष स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को सक्षम बनाएंगे, जो असम और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होंगे।
कार्यक्रम में असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, केशब महंत; गुवाहाटी के सांसद (लोकसभा) रानी ओजा; विधायक (दिसपुर) अतुल बोरा; विधायक पश्चिम गुवाहाटी रमेंद्र नारायण कलिता भी मौजूद रहे।
सीएआरआई में समर्पित पंचकर्मा ब्लॉक (जी+3) उचित दरों पर लोगों को सर्वश्रेष्ठ पंचकर्मा उपचार प्रदान करेगा। शोधकर्ता मरीजों को ठीक करने के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को समृद्ध बनाने में पंचकर्म की भूमिका की भी जांच करेंगे। 9453.30 वर्ग फुट क्षेत्र के साथ, नई इमारत में पंचकर्म चिकित्सा का वैज्ञानिक सत्यापन किया जाएगा। आयुष बाजार के लिए गुणवत्तापूर्ण संसाधन सुनिश्चित करते हुए पंचकर्म तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए यहां एक पंचकर्म प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। यह भवन स्नेहन और स्वेदन कक्ष, शिरोधारा कक्ष, बस्ति कक्ष जैसे प्रमुख पंचकर्म उपचार करने के लिए समर्पित कमरों से सुसज्जित है।
पूर्वोत्तर में आयुष क्षेत्र में अपनी तरह का पहला ‘फार्माकोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री लैबोरेटरीज’ आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन के दवा मानकीकरण, सुरक्षा और प्रभावकारिता मूल्यांकन के लिए सुविधाओं से लैस है। प्रयोगशालाएं शास्त्रीय आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन, एथनो-मेडिसिनल प्लांट और प्लांट-आधारित फॉर्मूलेशन की चिकित्सीय और सुरक्षा क्षमता को वैज्ञानिक रूप से मान्य करेंगी। यह विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में पाए जाने वाले आयुर्वेदिक संयंत्रों से लागत प्रभावी नोवेल पॉली हर्बल फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए काम करेगा।
नए परिसर रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (आरआरआईएच) में 18,610 वर्ग फुट क्षेत्र का विशाल परिसर होगा। 53.89 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित यह परियोजना 2026 तक पूरी होने वाली है। नए कैंपस में 50 बेड की आईपीडी यूनिट और स्पेशलिटी क्लीनिक के साथ ओपीडी सेवाएं दी जाएंगी। अत्याधुनिक उपकरणों के साथ क्लीनिकल लैब, इमरजेंसी यूनिट के साथ-साथ माइनर ऑपरेशन थियेटर भी नए कैंपस का हिस्सा होंगे।
भारत के पहले एकीकृत आयुष वेलनेस सेंटर में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी की धाराओं में उपचार और ओपीडी सुविधाएं होंगी। इस केंद्र में लोगों की सुविधा के लिए पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्धा के उपचार भी किए जाएंगे। केंद्र में हर्बल गार्डन भी बनाया जाएगा।