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Wednesday, November 27, 2024
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डीएम कार्यालय में दे दी युवती को फर्जी नियुक्ति, मामला दर्ज

देहरादून। उत्तराखण्ड में फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला रूकने का नाम नही ले रहा है। फर्जीवाडा करने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि वे अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है। इसी क्रम में  युवती को जिलाधिकारी कार्यालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर का फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले आरोपी के खिलाफ देहरादून जिलाधिकारी सोनिका सिंह के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ युवती के पिता ने तहरीर दी थी। जिसके आधार पर थाना नगर कोतवाली में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि  आरोपी ने खुद को सचिवालय में संपत्ति विभाग में  अधिकारी बताया था। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।  
मिली जानकारी के अनुसार फर्जी नियुक्ति मामले में पीड़ित के पिता ने एडीएम प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई थी कि पीड़ित की बेटी ने बीबीए किया हुआ है और वर्तमान में बेरोजगार है। पीड़ित के पड़ोसी के घर अवनीत भट्ट नाम के व्यक्ति का आना जाना था। अवनीत भट्ट की मुलाकात पीड़ित से उनके पड़ोसी के द्वारा हुई थी। अवनीत भट्ट ने खुद को सचिवालय में संपत्ति विभाग में राज्य संपत्ति वर्ग-2 का अधिकारी बताया और अपना पहचान पत्र भी दिखाया था।
अवनीत भट्ट ने पीड़ित को बताया कि कार्यालय जिलाधिकारी देहरादून में कुछ डाटा ऑपरेटर के पद खाली हैं और वह पीड़ित की बेटी को वहां नौकरी दिलवा सकता है। इस पर पीड़ित राजी हो गया। उसके बाद अवनीत भट्ट ने कहा कि कुछ दस्तावेज तैयार करवाने होंगे, जिसके लिए 20 हजार रुपए देने होंगे, जोकि सरकारी फीस है। पीड़ित ने अवनीत की बातों पर विश्वास कर उसके द्वारा बताए नंबर पर 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। रुपए ट्रांसफर करने के एक हफ्ते के बाद अवनीत भट्ट ने पीड़ित की बेटी को एक नियुक्त पत्र दिया जो कि कार्यालय जिलाधिकारी द्वारा जारी किया हुआ था। पीड़ित और उसकी बेटी जब नियुक्ति पत्र को लेकर जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंची तो कार्यालय द्वारा बताया गया कि यह नियुक्ति पत्र फर्जी है। इसके बाद रायपुर निवासी जगदीश सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी शिवानी को नौकरी दिलाने के लिए अवनीत भट्ट नाम के व्यक्ति ने डीएम के फर्जी हस्ताक्षर वाला नियुक्ति पत्र देकर धोखाधड़ी की है। पिता की तहरीर के आधार आरोपी अवनीत भट्ट के खिलाफ थाना नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल व्यक्ति के सचिवालय में तैनात अधिकारी वाले मामले की भी जांच की जा रही है।

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