देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीर माधो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा विभिन्न स्नातक, परास्नातक के 54 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक व 51 छात्र-छात्राओं को रजत पदक और 59 पी.एच.डी. शोधार्थी छात्रों को उपाधियों से नवाजा गया। वहीं महिला प्रौद्योगिकी संस्थान से बी0टेक0 इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग शाखा की छात्रा हर्षिता शर्मा द्वारा बी0टेक0 में विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए जिन्हें विनोद देवी अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल’’ से भी सम्मानित किया गया है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय कार्य परिषद की संस्तुति पर एस0 सोमनाथ, अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को डी0लिट की मानद उपाधि एवं पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा रिटायर्ड प्रोफेसर आई0आई0टी0 कानपुर को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि से अलंकृत किया। दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी मेडल और डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आदर्श वीर माधो सिंह भण्डारी हैं जो हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनकी महान वीरता, तकनीकी कुशलता, दृढ़ संकल्प और कुशलता को हम आज भी याद करते हैं। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपको डिग्री और मेडल अर्जित करने के योग्य बनाने में आपके परिश्रम, आपकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता का भी बहुत बड़ा योगदान है। आज से आपके जीवन में नयी संभावनाओं के नये द्वार खुल गये हैं। यह समय आप सभी को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का है। उन्होंने कहा कि भारत और पूरा विश्व आपकी प्रतिभा को नये प्रतिमान देने के लिए प्रतीक्षा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे युवा अनेक प्रतिष्ठित पदों पर नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जावान युवाओं की प्रतिभा के बल पर ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ने का समय है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अपने सम्बोधन में कहा कि आप जैसे ऊर्जावान युवाओं की प्रतिभा के बल पर ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का समय है और विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, कुशल भारत, समृद्ध भारत के लक्ष्यों को पूरा करने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा योगदान रहने वाला है।
उन्होंने कहा इसरो के अध्यक्ष एस0 सोमनाथ और पद्मश्री प्रोफेसर एच.सी. वर्मा को मानद उपाधियां प्रदान करना मेरे लिए बहुत ही सुखद और गौरवशाली क्षण हैं। राज्यपाल ने कहा कि इसरो द्वारा हाल ही में जो गौरवपूर्ण उपलब्धियां हमें दी हैं वह अभूतपूर्व हैं। पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा द्वारा भौतिकी में ज्ञान-विज्ञान का जो साझा मिश्रण किया है वह काबिले तारीफ है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय राज्य में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए कठोर परिश्रम कर रहा है और आगे उन्होंने एक और महत्वपूर्ण निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष से विश्वविद्यालय अंग्रेजी और हिन्दी के साथ ही संस्कृत भाषा में भी अपनी उपाधियांध्डिग्रियां अंकित कर रहा है। जिसके लिए राज्यपाल द्वारा कुलपति प्रो0 ओंकार सिंह और उनकी पूरी टीम की सराहना की गई। इस अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री, सुबोध उनियाल ने छात्रों को रोजगार तलाशने की बजाय स्वरोजगार के अवसरों को अपनाने तथा दूसरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए रोजगार देने वाले इंजीनियर के रूप में अपने आप को साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हमे वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में अपनी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखने की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है। समारोह में अपर सचिव, तकनीकी शिक्षा, स्वाति भदौरिया ने भी छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की बधाई व शुभकामनाएं देते कहा कि आप लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि आप लोगों से प्रदेश, देश व समाज को बहुत अपेक्षाएं है और जो भी आप लोग करें उसमें अपना बेस्ट करें। उन्होंने कहा कि जो समय निकल जाता है वह फिर लौट कर नहीं आता है। आप सभी प्रदेश व विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर होंगे ऐसा कार्य करें।
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राज्यपाल ने उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया
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