देहरादून: राज्य सरकार ने प्रदेश के मदरसों को एक महीने के अन्दर राज्य के शिक्षा विभाग में अपना पंजीकरण कराने का आदेश दिया हैं| प्रदेश के समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि प्रदेश में करीब 400 मदरसे अपंजीकृत हैं। मदरसों को अल्टीमेटम दिया गया है कि वे एक महीने के अंदर राज्य के शिक्षा विभाग में अपना पंजीकरण करा लें। अगर वे तय समय सीमा तक ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें बंद करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
सरकार द्वारा उठाये गये इस कदम की वजह बताते हुए चंदन राम दास ने कहा कि राज्य के शिक्षा विभाग में पंजीकरण नहीं कराने से वहां पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें पांचवीं कक्षा के बाद नया दाखिला लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। मदरसों के पंजीकरण का उद्देश्य छात्रों का कल्याण है क्योंकि तभी वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
बता दें, मदरसों को मिलने वाले अनुदान का उचित उपयोग नहीं होने के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उनके सर्वेक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया था।
राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है और मदरसों के सर्वेक्षण के लिए जल्दी ही एक समिति का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की योजना मदरसों में भी राज्य शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम शुरू करने और उसके छात्रों को निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों के समान ही शिक्षा प्रदान करने की है।
उन्होंने कहा कि मदरसों की गतिविधियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड 103 मदरसों का संचालन करता है।