Latest news
लोक निर्माण विभाग का सहायक अभियंता 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार मुख्य सचिव ने पूंजी निवेश 2024-25 के लिए राज्य की विशेष सहायता योजना की समीक्षा की उच्च शिक्षा में 108 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मिलेगी शीघ्र तैनातीः डा. धन सिंह रावत राज्यपाल ने हिमाचल में बागवानी और आपदा प्रबंधन के प्रयासों की जानकारी ली टीएचडीसी में स्वच्छता ही सेवा का आयोजन हिमालय और गंगा को बचाने के लिए संत समाज को आगे आना होगाः किशोर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा फरार 38 वें नेशनल गेम्स को लेकर मंत्री रेखा आर्य ने ली समीक्षा बैठक शहरी विकास और आवास विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं की थी बड़ी कमीः अग्रवाल कनिष्ठ अभियंताओं की नियुक्ति होने से कार्यों में और तेजी आयेगीः महाराज
Saturday, September 21, 2024
Homeउत्तराखण्डडेंगू रोकथाम में रेखीय विभागों की भागीदारी जरूरीः डॉ. रावत

डेंगू रोकथाम में रेखीय विभागों की भागीदारी जरूरीः डॉ. रावत

देहरादून: प्रदेश में डेंगू के रोकथाम को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को जिला प्रशासन व रेखीय विभागों के सहयोग से डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर जन जागरूकता अभियान जारी रखने को कहा गया है। प्रदेश में अब तक 81 फीसदी डेंगू मरीज उपचार के उपरांत स्वस्थ हो चुके हैं, जिनको विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य के ब्लड बैंकों में ब्लड की कोई कमी नहीं है तथा एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान हेतु ई-रक्तकोष पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर वर्चुअल माध्मय से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व रेखीय विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में अब तक 2049 डेंगू पीड़ित चिन्हित किये गये। जिनमें से उपचार के उपरांत लगभग 1652 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जो कि कुछ डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या का 81 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी डेढ़ माह तक डेंगू के खतरे की सम्भावना है जिसको देखते हुये अधिक संवेदनशील जनपदों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को रेखीय विभागों के साथ तालमेल कर जन जाकरूकता अभियान जारी रखने के निर्देश दिये गये हैं, साथ ही आम लोगों भी डेंगू के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान हेतु ई-रक्त पोर्टल अपना पंजीकरण कराया है। जिसके चलते प्रदेश में डेंगू मरीजों के लिये प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। राज्य के ब्लड बैंकों में भी पर्याप्त मात्रा में ब्लड व प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं।
आयुष्मान भव अभियान के तहत बनी 13 हजार आभा आईडी
प्रदेश में संचालित आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत आयुष्मान आपके द्वार 3.0 अभियान के तहत अब तक 1250 आयुष्मान कार्ड एवं 13725 आभा आईडी बन चुकी है। जबकि अंगदान हेतु 20 स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में 122 लोगों द्वारा शपथ पत्र भर कर पंजीकरण कराया गया।

क लाख से अधिक लोगों ने किया रक्तदान हेतु पंजीकरण
प्रदेश में अब तक ई-रक्त पोर्टल पर 1 लाख 03 हजार 856 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान हेतु अपना पंजीकरण कराया है। जिसमें दिनांक 17 सितम्बर से आतिथि तक सेवा पखवाड़े में 216 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 17893 लोगों द्वारा ई-रक्त पोर्टल पर स्वैच्छिक रक्तदान हेतु पंजीकरण कराया गया, जबकि इस अवधि में 7800 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान भी किया। यह अभियान विभिन्न शिक्षण संस्थानों, प्रतिष्ठानों एवं सरकारी कार्यालयों में आगामी दो अक्टूबर तक जारी रहेगा।

आयुष्मान भव अभियान के सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत प्रदेशभर में राजकीय मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष्मान मेले का आयोजन किया गया। जिसके तहत 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 3960 लाभार्थियों को परामर्श एवं उपचार दिया गया जबकि आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में आयोजित 54 स्वास्थ्य मेलों में 6320 लाभार्थियों को परामर्श एवं उपचार दिया गया। जिन में से एक लाभार्थी की जटिल सर्जरी जबकि 200 से अधिक लाभार्थियों को मेजर सर्जरी के लिये चिन्हित किया गया। स्वास्थ्य मेलों में 190 लोग माइनर सर्जरी के चिन्हित किये गये तथा 55 लोगों की मौके पर ही लघु सर्जरी की गई। जांच एंव परीक्षण के दौरान करीब 615 लोगों में मधुमेह, 595 लोगों में उच्च रक्तचाप, 215 लोगों में ओरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाकल कैंसर तथा 125 लोगों में मोतियाबिंद के रोग चिन्हित किये गये ।इन स्वास्थ्य मेलों में 2200 से अधिक लोगों की विभिन्न पैथालॉजी जांच की गई तथा 556 लाभार्थियों को मातृ एवं शिशु प्रजनन सेवाएं उपलब्ध कराई गई।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments